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गोविंदा और शिल्पा शेट्टी को 22 साल बाद मिली राहत, इक चुम्मा तू मुझको उधार देई दे... गाने पर खत्म हुआ विवाद

Updated Aug 09, 2019 | 16:26 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

गोविंदा और शिल्पा शेट्टी का सॉन्ग इक चुम्मा तू मुझको उधार देई दे... 23 साल पहले रिलीज हुआ था। फिल्म छोटे सरकार में गोविंदा और शिल्पा पर फिल्माए इस गाने में दोनों की केमेस्ट्री को खूब पसंद किया गया था।

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तस्वीर साभार:&nbspYouTube
शिल्पा शेट्टी और गोविंदा।
मुख्य बातें
  • गोविंदा और शिल्पा शेट्टी की फिल्म छोटे सरकार में का एक गाना इक चुम्मा तू मुझको उधार देई दे... खूब फेमस हुआ था।
  • गाने के बोल सॉन्ग इक चुम्मा तू मुझको उधार देई दे और बदले में यूपी बिहार लेई ले... थे जिसे लेकर काफी बवाल भी हुआ था।
  • गाने के बोल की वजह से ही 1997 में पाकुड़ सीजेएम की कोर्ट में गोविंदा और शिल्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई थी।

गोविंदा और शिल्पा शेट्टी पर फिल्माया गया सॉन्ग इक चुम्मा तू मुझको उधार देई दे और बदले में यूपी बिहार लेई ले ... तो आपको याद ही होगा। 22 साल पहले ये फेमस बॉलीवुड सॉन्ग रिलीज हुआ था। गोविंदा और शिल्पा शेट्टी की फिल्म छोटे सरकार में इस गाने के फिल्माया गया था। गाने में दिखाई गई गोविंदा-शिल्पा की केमेस्ट्री और डांस को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। हालांकि इस गाने के बोल यूपी और बिहार के कई लोगों को पसंद नहीं आए थे। इसी वजह से 1997 में पाकुड़(अब झारखंड में) सीजेएम की कोर्ट में गोविंदा और शिल्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई थी। 
याचिका में गोविंदा और शिल्पा शेट्टी के इस गाने को अश्लील बताया गया था। कहा गया था कि ये गाना यूपी और बिहार की अवमानना करता है। ये याचिका मोहिनी मोहन तिवारी की तरफ से दाखिल की गई थी। इसी के बाद सीजेएम ने संज्ञान लेते हुए गोविंदा और शिल्पा को सेक्शन 294 और 500 के तहत नोटिस जारी किया था। ठीक पतों पर नोटिस ना पहुंचने की वजह से कार्यवाही से अनभिज्ञ गोविंदा और शिल्पा कोर्ट से समक्ष पेश नहीं हो सके थे। बाद में कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए। 


गोविंदा और शिल्पा ने जानकारी मिलने के बाद 2001 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पाकुड़ में सीजेएम कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। अब याचिका दर्ज होने के 22 साल बाद गोविंदा और शिल्पा शेट्टी को इस मामले में राहत मिल गई है। जस्टिस अमिताभ गुप्ता ने गोविंदा और शिल्पा के हक में फैसला सुनाया। जस्टिस गुप्ता ने फैसले में कहा कि फिल्म स्टारों पर आम नियम लागू नहीं होता क्योंकि फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सिनेमोटोग्राफी एक्ट, 1952 के तहत पास किया हुआ था। जस्टिस गुप्ता ने निचली अदालत का आदेश रद्द करने के साथ गोविंदा और शिल्पा को राहत दी।  

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