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Hawa Singh Biopic: कौन है वो हवा सिंह, ज‍िसकी बायोप‍िक का Salman Khan ने क‍िया है ऐलान

मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Feb 04, 2020 | 11:48 IST

Salman Khan announces Hawa Singh Biopic: सलमान खान ने हवा स‍िंह की बायोप‍िक का ऐलान क‍िया है। हर‍ियाणा के इस बॉक्‍सर की असली कहानी को जानेंगे तो दांतों तले उंगली दबा लेंगे।

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Who is Hawa Singh : जानें इस नेशनल चैंप‍ियन के बारे में

बॉलीवुड में ख‍िलाड़‍ियों पर बायोप‍िक्‍स अब आम हो चली हैं। लेक‍िन देश के खास ख‍िलाड़‍ियों की संख्‍या और कहान‍ियां ही इतनी हैं क‍ि फ‍िल्‍म मेकर्स के पास इनको पर्दे पर द‍िखाने का पूरा स्‍कोप है। और अच्‍छी बात ये है क‍ि इसी बहाने उन ख‍िलाड़‍ियों के बारे में भी लोगों को जानने का मौका मिल रहा है जो अब गुमनाम हो चुके हैं। सलमान खान ने सोशल मीड‍िया पर एक नई बायोप‍िक का ऐलान क‍िया है। नाम है हवा स‍िंह। हो सकता है नाम आपकी जेनरेशन ने ना सुना हो लेकिन इनकी असली कहानी सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे। 

हवा सिंह की कहानी जानने से पहले ये जान लें क‍ि इस फ‍िल्‍म में लीड रोल सलमान नहीं, बल्‍क‍ि उनके 'श‍िष्‍य' सूरज पंचोली होंगे। सलमान खान ने फ‍िल्‍म का पोस्‍टर हवा से बातें करेगा सिंह टैग लाइन के साथ शेयर क‍िया है। इस फ‍िल्‍म को प्रकाश नाम्‍ब‍ियार डायरेक्‍ट कर रहे हैं।

Who is Hawa Singh 

ये हवा स‍िंह हर‍ियाणा राज्‍य के हैवी वेट बॉक्‍सर रह चुके हैं और इनके नाम लगातार 11 बार हैवी वेट कैट‍िगरी में नेशनल चैंप‍ियन बनने का र‍िकॉर्ड दर्ज है। ये कारनाम उन्‍होंने 1961 से 1972 के बीच क‍िया था। अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर उन्‍होंने एश‍ियन गेम्‍स में दो बार लगातार गोल्‍ड मेडल जीता था ज‍िसकी बराबरी 2008 तक कोई बॉक्‍सर नहीं कर पाया था। उनकी उपलब्‍ध‍ियों के ल‍िए उनको 1966 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्‍मान‍ित क‍िया गया था। 

19 की उम्र में आर्मी से जुड़े 
उनका जन्‍म 1937 में उमरवास में हुआ था जो अब हर‍ियाणा का हिस्‍सा है। 1956 यानी 19 साल की उम्र में उन्‍हेंने इंड‍ियन आर्मी को जॉइन क‍िया था। यहां से उनके बॉक्‍स‍िंग करियर की शुरुआत हुई थी। चार साल बाद उन्‍होंने बॉक्‍स‍िंग में गत चैंप‍ियन मोहब्‍बत स‍िंह को पटकनी दी थी। इसके बाद उन्‍होंने पलट कर नहीं देखा। 

व‍िजेंदर सिंह के गुरु 
संन्‍यास के बाद हवा सिंह ने भ‍िवानी बॉक्‍स‍िंग क्‍लब की स्‍थापना की जहां से देश को कई बेहतरीन मुक्‍कबाज मिले हैं। ओल‍िंप‍िक पदक जीतने वाले व‍िजेंदर सिंह इन्‍हीं हवा सिंह की एकेडमी से बॉक्‍स‍िंग के गुर सीख चुके हैं। 

द्रोणाचार्य सम्‍मान से पहले निधन
हवा सिंह जी को उनके इस काम के लिए 1999 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड देने की घोषणा की गई थी। लेकिन अफसोस क‍ि जब उनको अवॉर्ड द‍िया जाना था, उससे 15 द‍िन पहले 14 अगस्‍त 2000 को हमने इस महान ख‍िलाड़ी को खो द‍िया। 

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