- रिलीज के बाद मिर्जापुर सीजन-2 की फैंस में खूब हो रही चर्चा
- सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे तरह तरह के मीम
- कल्पना ही सही लेकिन सोचिए किस किरदार को कौन सा कलाकार निभाता
मुंबई: मिर्जापुर का सीजन 2, आखिरकार रिलीज़ हो चुका है और लोगों के बीच जमकर इसकी चर्चा भी हो रही है। फैंस इसका लगभग 2 सालों से इंतजार कर रहे थे। हालांकि इस सीजन के लिए आलोचकों की समीक्षा और प्रशंसकों की प्रतिक्रिया मिली जुली रही है, फिर भी यह सुर्खियों में आने में कामयाब रहा है और सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
मिर्जापुर सोशल मीडिया पर और प्रशंसकों के बीच अभी भी एक बड़ी सफलता है। अधिकांश फैंस ऐसे हैं जिन्होंने इस सीजन को रिलीज़ होते ही फिर से देखा। हालांकि जहां अंत होता है, अभी भी इसका अगला सीजन आना बाकी है।
मिर्ज़ापुर की दर्शकों के बीच लोकप्रियता का एक बड़ा कारण इसकी कास्टिंग भी है। पंकज त्रिपाठी, अली फज़ल, दिव्येंदु, विक्रांत मैसी से लेकर रसिका दुग्गल जैसे प्रतिष्ठित और लोकप्रिय कलाकारों ने इसमें काम किया है।
इस बीच सोचिए, अगर यह सीरीज 90 के दशक में बनाई गई होती, तो मिर्जापुर की सही और सटीक स्टार कास्ट क्या होती? सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं के बीच, मजाक और मनोरंजन में ही सही, आइए एक नजर डालते हैं उन कुछ कलाकारों पर जो 90 के दशक में कालीन भईया से गुड्डू पंडित तक के कई किरदार निभा सकते थे।:
कालीन भैया - नसीरुद्दीन शाह:
नसीरुद्दीन शाह ने 90 के दशक में कई यादगार नकारात्मक भूमिकाएं निभाईं। जैसे कि मोहरा, चाहत या सरफ़रोश, वह अखंडानंद त्रिपाठी उर्फ कालीन भैया की भूमिका के लिए एकदम उपयुक्त होते।
मुन्ना भैया - शाहरुख खान:
शाहरुख खान ने डर, बाजीगर और अंजाम जैसी फिल्मों में प्रतिष्ठित नकारात्मक किरदार निभाकर अपना करियर बनाया। इसके अलावा, मिर्जापुर सीजन-2 में जुनूनी प्रेम का भी पहलू था, जिसे शाहरुख खान बखूबी निभाते हैं।
बीना त्रिपाठी - रवीना टंडन
शो के सबसे जटिल किरदारों में से बीना त्रिपाठी की भूमिका में रवीना टंडन को रखा जा सकता था। वह अपने अभिनय कौशल और सुंदरता दोनों के लिए मशहूर रही हैं, जो बीना के किरदार के लिए जरूरी है।
स्वीटी गुप्ता - काजोल
करण अर्जुन और दुश्मन की काजोल का जो रूप देखने को मिला वह स्वीटी के किरदार के लिए फिट बैठता है। साथ ही, शाहरुख खान के मुन्ना त्रिपाठी बनकर काजोल बनी स्वीटी की हत्या करने का सीन काफी दिलचस्प हो सकता था।
गोलू गुप्ता - रानी मुखर्जी
रानी मुखर्जी गजगामिनी 'गोलू' गुप्ता का किरदार निभाने के लिए 90 के दशक में अच्छी पसंद हो सकती थीं।
बाबू जी- कादर खान:
भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं और स्क्रीन लेखकों में से एक, दिवंगत कादर खान सहजता के साथ मिर्जापुर में बाबू जी का किरदार निभा सकते थे।
बबलू पंडित - दीपक तिजोरी:
दीपक तिजोरी 90 के दशक में सड़क, आशिकी और खिलाड़ी जैसी सफल फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाने के लिए लोकप्रिय थे। उनके पास बबलू पंडित की भूमिका निभाने के लिए सटीक व्यक्तित्व था और इसमें वो शानदार प्रदर्शन भी कर सकते थे। इसके अलावा, वह संजय दत्त के साथ गुड्डू के रूप में वह एकदम फिट बैठते क्योंकि दोनों फिल्म सड़क में दोस्त थे।
गुड्डू पंडित - संजय दत्त
अली फज़ल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि गुड्डू पंडित की भूमिका के लिए तैयारी करने के दौरान संजय दत्त उनकी प्रेरणा थे। चुस्त-दुरुस्त शरीर और अपरिपक्वता भरी बातों जैसी किरदार से जुड़ी चीजें संजय दत्त पर बखूबी फिट बैठती हैं।