अरुणा ईरानी अपने जमाने की मशहूर एक्ट्रेसेस में से हैं। उन्होंने 15 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रखा और एक लंबी समय तक इंडस्ट्री में टिक रहीं। उन्होंने अमिता बच्चन समेत कई बड़े एक्टर्स के साथ पर्दे पर अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया। उन्होंने मिली, बॉबी और याराना फिल्म में जबरदस्त छाप छोड़ी। साथ ही कई फिल्मों में उन्होंने मां का किरदार भी निभाया। 74 वर्षीय अरुणा ने फिल्मों के अलावा टीवी इंडस्ट्री में कई यागदार रोल प्ले किए। उन्होंने देस में निकला होगा चांद, मेहंदी तेरे नाम की, कहानी घर-घर की, दिल तो हैप्पी है जी जैसे टीवी शो में काम किया। आइए आपको एक्ट्रेस की जिंदगी से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें बताते हैं।
- अरुणा ईरान ने दिलीप कुमार की फिल्म 'गंगा जमना' से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। अरुणा तब महज 15 साल की थीं। यह फिल्म साल 1961 में रिलीज हुई थी।
- अरुणा के पिताजी की थिएटर कंपनी थी। उनके दो भाई इंद्र कुमार और आदि ईरानी हैं, जो फिल्म मेकिंग से जुड़े रहे।
- एक्ट्र्रेस करीब 500 फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। उन्होंने अपने करियर में उन्होंने न केवल हिंदी बल्कि कन्नड़, मराठी और गुजराती फिल्म इंडस्ट्री में भी काम किया।
-
अरुणा का एक्टर महमूद से लंबा रोमांस रहा है। दोनों ने 'औलाद', 'हमजोली', 'नया जमाना', 'गरम मसाला' और 'दो फूल' जैसी फिल्में साथ में कीं। महमूद की 'बॉम्बे टू गोवा' में अरुणा बतौर नायिका दिखी थीं।
-
अरुणा ने कहा था कि महमूद और हम बहुत अच्छे दोस्त थे। यही नहीं दोस्त से भी ज्यादा अच्छे थे, शायद। लेकिन हमने कभी शादी नहीं की। अरुणा फिल्मों के सेलेक्शन में महमूद से सलाह भी लेती थीं।
-
अरुणा का बचपन का प्यार भी था। हालांकि, अचानक वह गायब हो गया था। कई साल बाद अरुणा को बचपन के प्यार से विनोद खन्ना ने मिलवाया था। यह बचपन का प्यार विनोद के भाई प्रमोद थे।
-
एक्ट्रेस ने 44 साल की उम्र में डायरेक्टर कुक्कू कोहली से शादी की थी। कुक्कू पहले से शादीशुदा थे और उनके बच्चे भी थे। क फिल्म में साथ काम करने के दौरान दोनों को प्यार हो गया था।
-
शादी के बाद अरुणा ने कभी मां नहीं बनने का फैसला किया। यह फैसला अरुणा ने जानबूझकर लिया। दरअसल, वह नहीं चाहती थीं कि अपने और बच्चे के बीच का जेनरेशन गैप से कोई परेशानी खड़ी हो।
-
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई मशहूर गाने अरुणा पर फिल्माए गाए हैं, जिसमें 'थोड़ा रेशम लगता है', 'चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी', 'दिलबर दिल से प्यारे', 'मैं शायर तो नहीं' प्रमुख हैं।
-
अरुण को 1984 में 'पेट, प्यार और पाप' के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री अवॉर्ड मिला था। इसके अलावा 'बेटा' में मां का किरदार निभाना के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता।