- दुनिया को अलविदा कह गए फिल्मी दुनिया के 'सूरमा भोपाली'
- 81 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी शुरुआत
- शुरुआत में नहीं निभाना चाहते थे शोले फिल्म का मशहूर किरदार
मुंबई: हिंदी फिल्मों में अपने अलग अलग किरदारों और खासकर शोले फिल्म में सूरमा भोपाली के रोल से मशहूर हुए जगदीप का निधन हो गया है। वह 81 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़कर हमेशा के लिए जा चुके हैं। कई चर्चित फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जादू बिखेरने वाले जगदीन का असली नाम असली नाम सैयद इश्तियाक जाफरी था। उनका जन्म 29 मार्च 1939 को ब्रिटिश इंडिया के दतिया सेंट्रल प्रोविंग में (अब मध्य प्रदेश) हुआ था।
जगदीप के जाने के बाद हर तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि देने का दौर चल पड़ा है और उनके काम को सभी याद कर रहे हैं। इस बीच ज्यादातर यह बात कही जा रही है कि टीवी का सूरमा भोपाली चला गया लेकिन शोले फिल्म करते हुए शायद ही जगदीप ने सोचा होगा कि उनका यह रोल इतना मशहूर हो जाएगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार शोले फिल्म में शुरुआत में जगदीप सूरमा भोपाली का रोल नहीं करना चाहते थे लेकिन बाद में फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों के समझाने और रोल की अहमियत समझने के बाद जगदीप ने इसके लिए हामी भरी थी। स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद जगदीप लंबे फिल्मी डायलॉग को लेकर भी परेशान हो गए थे।
असली सूरमा भोपाली से हुआ जगदीप का सामना:
फिल्म 'शोले' में 'सूरमा भोपाली' के किरदार से कई रोचक किस्से जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार शोले फिल्म में 'सूरमा भोपाली' का किरदार भोपाल में एक फॉरेस्ट ऑफिसर नाहर सिंह को देखकर बनाया गया था। भोपाल में काफी समय तक रहे जावेद अख्तर ने नाहर सिंह को लेकर कई तरह के किस्से सुने थे। जब उन्होंने सलीम खान के साथ फिल्म 'शोले' फिल्म लिखना शुरू की, तो हास्य डालने के लिए उन्होंने नाहर सिंह को याद करते हुए 'सूरमा भोपाली' का किरदार बना दिया।
शोले फिल्म की रिलीज के बाद 'सूरमा भोपाली' का रोल मशहूर हो गए और इसी के साथ भोपाल में नाहर सिंह का मज़ाक बनने लगा। इस बात नाहर खफा हो गए और एक तो उनका मजाक बनाया गया और उस पर भी फॉरेस्ट ऑफिसर को लकड़हारा दिखा दिया। नाहर सिंह सीधे मुंबई जाकर जगदीप के सामने खड़े हो गए।
फिल्म शोले के बाद जब जगदीप एक शूट में व्यस्त थे तो नाहर सिंह उनके सामने गुस्से में आकर खडे़ हो गए, जिससे जगदीप डर गए। बाद में मशहूर एक्टर जॉनी वॉकर ने नाहर को समझाकर वापस भेजा।
जगदीप ने साल 1951 में बी. आर. चोपड़ा की फिल्म 'अफसाना' में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट पहली बार काम किया था। इसके बाद एक के बाद एक उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और आखिरी बार उन्हें 2012 में आई फिल्म 'गली गली चोर है' में देखा गया था।