- मनोज वाजपेयी का डर- कहीं एक अभिनेता के नुकसान को भूल न जाएं लोग
- सुशांत की मौत के बाद बॉलीवुड में कई तरह की बहस के साथ उठे विवाद
- अभिनेता के को लेकर घिरे विवादों में कहीं पीछे न छूट जाएं सुशांत सिंह राजपूत
मुंबई: बहुत कम समय में फिल्म जगत में तेजी से सफलता हासिल करके अपनी खास पहचान बनाने वाले सुशांत सिंह राजपूत के निधन को 3 महीने बीत चुके हैं। हालांकि, लोगों की यादों से अभी तक वो गए नहीं हैं और सच सामने लाए जाने की मांग लगातार की जा रही है। अभिनेता की मौत की जांच उनके पिता केके सिंह की ओर से एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद शुरू हुई और न्याय को लेकर इस लड़ाई के बीच अभिनेता मनोज बाजपेयी का एक बयान सामने आया है।
अभिनेता मनोज बाजपेयी का कहना है कि लोग सुशांत को लेकर शोर के बीच उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाना भूल गए हैं। मनोज ने सुशांत के साथ 2019 में फिल्म 'सोनचिरैया' में काम किया था और उनके निधन के बाद बेहद दुखी हुए थे।
लोग सुशांत को सेलिब्रेट करना भूल गए...
एक चैट में बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए, मनोज ने कहा था कि लोग सुशांत को सेलिब्रेट करना भूल गए हैं। उन्होंने दावा किया कि टीआरपी पर हर किसी का ध्यान केंद्रित हो गया है और इतने सारे लोगों के अपने हित हैं कि शायद ही कोई इस बारे में बात कर रहा हो कि सुशांत कोडिंग में कैसे शामिल होते थे।
मनोज बाजपेयी ने दावा किया कि सुशांत के मामले में सब कुछ टीआरपी पर केंद्रित है। उन्होंने यहां तक कहा कि उन्हें लगता है कि कोई भी एक शानदार अभिनेता के नुकसान का शोक नहीं मना रहा है।
'हर घंटे बदलता बहस का विषय'
सुशांत के बारे में बात करते हुए मनोज ने कहा, 'जो कुछ भी हो रहा है, मुझे संदेह है कि कोई भी उसके बारे में शोक मना रहा है। क्योंकि हर घंटे, बहस का विषय बदल रहा है। और यह बहुत दुख की बात है, जो कुछ भी मैंने पिछले कुछ महीनों में देखा है। मुझे लगता है कि हमने इस सब में सुशांत को पीछे छोड़ दिया।'
उन्होंने यहां तक कहा कि वह जो भी कहेंगे, उसका अर्थ अलग तरीके से निकाला जाएगा। मनोज बाजपेयी का कहना है कि उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि सुशांत अब हम सभी के बीच नहीं हैं। अन्य चीजों पर ध्यान देने के बीच, सुशांत इसमें पीछे रह गए होंगे। इस बारे में ऑनलाइन सार्वजनिक तौर पर मनोज बाजपेयी ने फिल्म निर्माता शेखर कपूर से बातचीत भी की थी। उन्होंने कहा था कि एक 34 वर्षीय अभिनेता के तौर पर वह खुद सुशांत जितनी तेजी से सफल नहीं हो पाए थे।