- ताहिर राज भसीन ने फिल्म 'मर्दानी' में नेगेटिव लीड रोल किया था।
- उनको फिल्म में रानी मुखर्जी के साथ काम करने का मौका मिला था।
बॉलीवुड के युवा और वर्सेटाइल एक्टर, ताहिर राज भसीन ने फिल्म 'मर्दानी' में नेगेटिव लीड के रूप में अपने बेहतरीन परफॉर्मेंस के साथ बॉलीवुड में अपने सफ़र की धमाकेदार शुरुआत की। एक न्यूकमर के रूप में उन्हें अव्वल दर्जे की कलाकार, रानी मुखर्जी के साथ काम करने का मौका मिला, जो इस फिल्म में बड़े ही शातिर दिमाग वाले एक ह्यूमन ट्रैफिकर का पीछा करने वाली फायरब्रांड कॉप की भूमिका निभा रही थीं, फिर भी ताहिर ने एक विलेन के रूप में अपने रोमांचकारी प्रदर्शन से फिल्म पर अपनी पकड़ बनाने में कामयाबी पाई। फिल्म 'मर्दानी' के 7 साल पूरे होने पर ताहिर ने खुलासा किया कि यशराज फिल्म्स द्वारा प्रोड्यूस की गई इस फिल्म ने बॉलीवुड में एक एक्टर के रूप में उन्हें अपनी पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
ताहिर राज भसीन ने बताया, 'मर्दानी में मुझे धमाकेदार ब्रेक मिला था। इसकी रिलीज के साथ ही मेरी ज़िंदगी पहले की तरह बिल्कुल नहीं रही, बल्कि पूरी तरह बदल गई। सच कहूं तो इस फिल्म की वजह से ही मुझे एक पावरफुल एक्टर के रूप में पहचान मिली है। मर्दानी मेरी डेब्यू फिल्म थी जिसने पुरानी सोच के बंधनों को तोड़ दिया, और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि प्रदीप सरकार ने किस तरह वॉल्ट, एंटी-हीरो, के किरदार को बिल्कुल नए स्टाइल के साथ और अलग अंदाज में प्रस्तुत किया। लोगों को महसूस हुआ कि ऐसे लड़के को तो उन्होंने अपने आस-पड़ोस में ही देखा था। मर्दानी से लोगों को पड़ोस में रहने वाला बैड-बॉय मिला।'
ताहिर कहते हैं कि उन्होंने रानी से बहुत कुछ सीखा है, जिन्होंने उन्हें नॉक-आउट परफॉर्मेंस देने के लिए प्रेरित किया। एक्टर कहते हैं, 'रानी मुखर्जी के साथ स्क्रीन-स्पेस शेयर करना मेरे लिए सबसे बड़ा चैलेंज था और मुझे इसका रिवार्ड भी मिला। फिल्म में उनके जैसे बड़े स्टार के साथ काम करने का मतलब यही है कि आपको भी अपने गेम में सुधार करना होगा, और इसी वजह से मैंने पहले दिन से ही अव्वल दर्जे के परफॉर्मेंस के लिए तैयार रहने की जरूरत को समझ लिया।'
ताहिर बताते हैं कि मुझे एक ऐसे स्टार के साथ काम करने का मौका मिला था जिन्हें फिल्मों में काम करता देखकर मैं बड़ा हुआ हूं, और सेट पर मैंने उनसे काफी कुछ सीखा। मैं समझ गया था कि जरूरत पड़ने पर किस तरह अपने काम पर फोकस किया जाता है, और जरूरत नहीं होने पर कोई व्यक्ति किस तरह उस ज़ोन से बाहर निकलकर रिलैक्स कर सकता है। मैंने अपनी कला और काम के प्रति सच्ची लगन के साथ-साथ वर्क-एथिक्स को भी देखा, जिसे मैं आज तक अपने साथ रखने की कोशिश करता हूं।
मर्दानी में नेगेटिव लीड के रूप में शुरुआत करने के बाद, ताहिर ने 'फोर्स-2' में एक बार फिर से विलेन के किरदार को जबरदस्त ढंग से पर्दे पर उतारा। 'छिछोरे' जैसी अपनी अगली कुछ फिल्मों में लगातार चमकने के बाद, ताहिर को रोमांटिक भूमिका निभाने के लिए कास्ट किया गया। अब वह अपनी अगली फिल्म 'लूप लपेटा' में तापसी पन्नू के साथ एक रोमांटिक हीरो की भूमिका निभा रहे हैं, और 'ये काली आंखें' में श्वेता त्रिपाठी के साथ उनकी जोड़ी नजर आएगी। इसके अलावा, कबीर खान की फिल्म '83' में ताहिर सुनील गावस्कर की भूमिका निभा रहे हैं!
ताहिर कहते हैं, 'साल 2001 में मेरे करियर के रोमांटिक हीरो वाले चैप्टर की शुरुआत हुई है। फिलहाल मेरे दो बेहद एक्साइटिंग प्रोजेक्ट्स, लूप लपेटा और ये काली आंखें रिलीज के लिए तैयार हैं, और दर्शक पहली बार मुझे रोमांटिक ड्रामा फिल्मों में देखेंगे। मैं 90 के दशक की बॉलीवुड रोमांटिक फिल्मों को देखकर ही बड़ा हुआ हूं, और अपने इस नए अवतार में मैंने भी ऐसी ही कोशिश की है।' उन्होंने आगे कहा, 'एक एक्टर के तौर पर मेरे लिए यह बड़े सम्मान की बात है कि अब मुझे ज्यादातर रोमांटिक लीड वाली स्क्रिप्ट मिलती है, और यह मुझे आने वाले नए प्रोजेक्ट के साथ और वर्सेटाइल बनने के लिए प्रेरित करती है। एंटी-हीरो से हीरो बनने तक का यह सफ़र बेहद रोमांचकारी रहा है, और इस बात से मेरा उत्साह काफी बढ़ गया है कि इस बार दर्शक मुझे एक ऐसे रूप में देखेंगे जिसमें उन्होंने मुझे पहले कभी नहीं देखा है।'