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Exclusive: 'बंटी' नहीं 'संजय फॉरनर' बनकर जीता था अनुराग कश्यप का दिल, जतिन सरना को ऐसे मिली फिल्म 83

Updated Sep 26, 2019 | 12:40 IST | Priyanka Singh

बॉलीवुड में पैर जमाने वाले हर एक्टर की एक अलग कहानी होती है। लेकिन हर किसी कि कहानी में थोड़ा स्ट्रगल, मेहनत और धैर्य ये तीनों ही चीजें काफी कॉमन होती है। एक्टर जतिन सरना को भी इस दौर से गुजरना पड़ा।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Anurag kashyap Jatin Sarna

एक्टर जतिन सरना ने पर्दे पर कई किरदार निभाए लेकिन पॉपुलैरिटी उन्हें 'बंटी' बनकर मिली। जतिन के मुताबिक उनके करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट वेबसीरीज नहीं बल्कि फिल्म मेरठिया गैंगस्टर्स रही थी। वहीं एक्टर जल्द ही रणवीर सिंह की फिल्म 83 में खास किरदार निभाने जा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने टाइम्स नाउ हिंदी से खास बातचीत की और अपनी जर्नी के बारे में खुलकर बताया।

कैसे मिली कबीर खान की फिल्म 83, कैसा था एक्सपीरिएंस
जतिन सरना ने बताया कि शुरू में उन्होंने इस फिल्म में क्रिकेटर मदन लाल के लिए ऑडिशन दिया था, जिसका कोई रिस्पांस नहीं आया। मदन लाल के रोल के लिए उनका लुक टेस्ट से लेकर बोलने के अंदाज तक को चेक किया गया। काफी मुश्किल और मेहनत के बाद ऑडिशन तो रिकॉर्ड करके भेजा, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं आया। उसी दौरान मेरी वेबसीरीज आ चुकी थी, जिसके बाद फिर से फिल्म 83 के लिए कॉल आया। जिस पर मैंने कहा कि ऑडिशन तो दे दिया है फिर क्यों। लेकिन इस बार मुझे यशपाल शर्मा के बारे में बताया गया लेकिन मैं तैयार नहीं था। इसलिए मैंने टालने की कोशिश की क्योंकि मुझे लगा कि अब वो कहीं मुझे भीड़ में कास्ट ना करना चहते हो। खैर जैसे तैसे एक ऑडिशन रिकॉर्ड करके भेज दिया।  कुछ समय बाद कॉल आया कि मुझे यशपाल शर्मा रोल के लिए फाइनल कर लिया गया है।

एक्सपीरिएंस को लेकर उन्होंने बताया कि कबीर खान की फिल्म है, तो आप कुछ भी करके नहीं निकल सकते। हर एक चीज पर जबरदस्त काम किया गया है। और एक हेक्टिक शेड्यूल वाली क्रिकेट प्रैक्टिस धर्मशाला में शुरू कर दी गई थी। जैसे दिन में चार घंटे प्रैक्टिस तो बीच में ब्रेक लेने के बाद फिर शाम को चार घंटे प्रैक्टिस। इस दौरान कितनी चोटे लगीं मुझे और कहां कहां दर्द होता था, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन फिल्म के लिए सभी ने काफी मेहनत की है।

रणवीर सिंह के साथ काम करना कैसा रहा...
रणवीर सिंह एक ऐसे एक्टर हैं, जहां वो टीम वर्क को बहुत सपोर्ट करते हैं। सेट पर हमेशा जॉली नेचर होता था, लोगों को हंसाना हो या फिर काम के वक्त सपोर्ट करना हो, वो हमेशा करते हैं। हालांकि हम दोनों ही ऐसे थे, जो सेट पर मस्ती करते रहते थे। एक दूसरे से पंगा लेना जैसे वो कुछ बोल रहा है तो मैंने भी कुछ बोल दिया तो ये हमारा चलता रहता था।

फिल्मों के साथ-साथ थिएटर भी कर रहे हैं, ऐसे में बैलेंस कैसे बना पा रहे हैं
जतिन ने बताया कि इन दोनों को मैं भाग-भाग कर बैलेंस कर रहा हूं। जब सोन चिड़िया की शूटिंग हो रही थी, ऐसे में मालूम होता है कि अगले दिन आपका शो भी है। तो ऐसे में शूट खत्म होते ही ट्रेन पकड़कर अगले दिन दिल्ली। फिर वहां शो किया और वापस शूट पर। इस तरह भागते-भागते मैंने शूटिंग और नाटक को बैलेंस किया।

वेबसीरीज में आपने न्यूड सीन दिया, पहली बार करने में डर लगा था कि कैसे होगा
जतिन ने बताया कि जब वेब सीरीज को लेकर कॉन्ट्रैक्ट साइन कर रहा था, तब उसमें लिखा हुआ था कि मुझे न्यूड सीन देना है। लेकिन जिस दिन शूट होना था उस दिन मुझे मालूम नहीं था, तब लोगों से मालूम हुआ कि आज न्यूड सीन शूट करना है। तब मैं काफी नर्वस हो गया, इस बीच  मैंने जाकर अपने डायरेक्टर यानी अनुराग कश्यप से बात की। मैंने कहा कि सर देख लो अगर कुछ हो सके, कुछ ढक कर या फिर किसी तरह से छुपा कर ये ना करना पड़े। फिर मेरे डायरेक्टर ने सीधा जवाब दिया कि ये मैं इसलिए नहीं करने को कह रहा हूँ  कि मसाला चाहिए। ये सीन कहानी के हिसाब से बहुत जरूरी है, फिर मैंने खुद से कहा कि बस अब करना ही है और एक बार में ही कर दिया।

स्ट्रगल कितना करना पड़ा और स्ट्रगल का वो दिन जिसे आप आज भी याद करते हो
स्ट्रगल काफी रहा क्योंकि मेरठिया गैंगेस्टर्स करने के बाद भी मुझे 2 साल तक कोई काम नहीं मिला था। चुंकि मेरठिया गैंगेस्टर्स की एडिटिंग अनुराग कश्यप ने की थी तो वहां से उन्होंने मुझे जाना और काम दिया। लेकिन इन ख़ाली दो सालों में मैं दिल्ली बॉम्बे लगातार कर रहा था, दोस्तों से झूठ बोलता था कि मैं दो चार दिन के लिए बॉम्बे आ रहा हूं तो तेरे साथ रह जाता हूं। लेकिन रहता करीबन 15 से 20 दिन था। इसके अलावा ऐसा भी हुआ जब मुझे खाना तक मुश्किल से मिलता क्योंकि घर से पैसे लेता नहीं था और दोस्तों की मदद से रह रहा हूं ऐसे में मुझे काफी खराब लगता था कि मैं क्या कर रहा हूं। लेकिन मैं अपने दोस्तों का शुक्रगुजार हूं जो मुझे आज तक सपोर्ट करते हैं।
 

कोई ऐसा भी वक्त आया था जब लगा हो कि अब एक्टिंग नहीं हो पाएगी
ऐसा कभी मुझे लगा ही नहीं कि मैं नहीं कर पाउंगा। बस ये मालूम था कि देर हो रही है, लेकिन कब तक और कितना टाइम लगेगा इस बारे में मुझे एहसास नहीं था। वेबसीरीज मिलने से पहले एक वक्त ऐसा भी आया जब मैंने खुद से वादा किया था कि अब मैं एक्टिंग के बारे में बात तक नहीं करूंगा। किसी पहाड़ पर जाकर होटल में काम करूंगा बावर्ची बन जाऊँगा लेकिन एक्टिंग छोड़ दूंगा। पर ऐसी नौबत नहीं आई और दो महीने बाद ही मुझे वेबसीरीज मिल गई थी।

ऐसी कोई फिल्म जो हाथ से निकल गई और लगा कि मुझे इसमें होना चाहिए था
इस पर जतिन ने बताया कि मैंने काफी साल पहले फिल्म एयरलिफ्ट के लिए ऑडिशन दिया था। जिसमें मेरे लुक टेस्ट से लेकर ड्राइविंग तक सबकुछ चेक कर लिया गया लेकिन अंत में मैं कास्ट नहीं हो पाया। तो इस पर मुझे आज भी काफी अफसोस हैं क्योंकि मैं अक्षय कुमार का बहुत बड़ा फैन हूं। उनके साथ काम करना मेरी दिली तमन्ना है। बता दें कि जतिन आने वाले दिनों में फिल्म तुर्रम खान, दरबार, बमफाड और 83 में नजर आएंगे।

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