- जाने माने राइटर सलीम खान का आज बर्थडे है और वो 84 साल के हो गए हैं
- सलीम खान मुंबई एक्टर बनने आए थे लेकिन उन्होंने नाम राइटर बनके कमाया
- सलीम खान ने मुंबई आकर कई बी- ग्रेड फिल्मों में भी काम किया
बॉलीवुड के जाने माने स्क्रीन राइटर सलीम अबदुल राशिद खान का आज जन्मदिन है। सलीम खान आज 84 साल को हो गए हैं। उनका जन्म 24 नवंबर 1935 को इंदौर में हुआ था। सलीम अपने भाई बहनों में सबसे छोटे थे, वो जब केवल 14 साल के थे तभी उनके माता- पिता दोनों का निधन हो गया था। सलीम खान केवल 9 साल के थे जब उनकी मां का टीबी के कारण निधन हो गया। उनकी मां 4 साल तक इस बीमारी से पीड़ित थीं जिसके चलते वो अपने बच्चों के नजदीक नहीं जा पाती थीं। मां के जल्द निधन के कारण वो अपनी मां के साथ ज्यादा वक्त नहीं बिता पाए। इसका बाद साल 1950 में उनके पिता का भी निधन हो गया और इस वक्त सलीम की उम्र 14 साल थी। जिसके बाद उनके भाई ने पढ़ाई में उनकी मदद की।
सलीम स्पोर्ट्स में काफी अच्छे थे और उनके अच्छे लुक्स के कारण उन्हें सब कहते थे कि उन्हें फिल्म स्टार बनने की कोशिश करनी चाहिए। सलीम को फिल्म डायरेक्टर के. अमरनाथ ने देखा और उन्हें अपनी फिल्म बारात में सपोर्टिंग रोल ऑफर किया, जिसके लिए उन्होंने सलीम को 1000 रुपये साइनिंग अमाउंट दिया और फिल्म की शूटिंग के दौरान 400 रुपये सैलरी देने की बात कही जिसके लिए सलीम तैयार हो गए और मुंबई शिफ्ट हो गए। मुंबई आकर सलीम एक छोटे से अपार्टमेंट में रहे और इसके बाद साल 1960 में फिल्म बारात रिलीज हुई जो कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई, हालांकि फिल्म में उनका रोल काफी छोटा था।
बी- ग्रेड फिल्मों में किया काम
सलीम ने कई फिल्मों में काम किया लेकिन उनके लुक्स के चलते फिल्म में उन्हें छोटे सपोर्टिंग रोल मिलते थे। इसके बाद उन्होंने बी- ग्रेड फिल्मों में काम किया। साल 1970 तक उन्होंने केवल 14 फिल्मों में काण किया और छोटे मोटे रोल निभाए, जिसमें तीसरी मंजिल, सरहदी लुटेरा और दीवाना जैसी फिल्में शामिल हैं। करीब 25 फिल्मों में काम करने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि वो एक्टर नहीं बन सकते, लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी और वो वापस इंदौर नहीं लौट सकते थे।
एक्टिंग नहीं राइटिंग पर किया फोकस
इसके बाद सलीम खान ने एक्टिंग से अपना ध्यान हटाकर राइटिंग पर लगाया और उन्होंने 'दो भाई' लिखी। सलीम की आखिरी फिल्म सरहदी लुटेरा की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात जावेद अख्तर से हुई और दोनों के बीच दोस्ती हो गई। दोनों ने साथ में स्क्रिप्ट लिखना शुरू किया और सलीम- जावेद के नाम से पहचाने जाने लगे। जहां सलीम फिल्म की कहानी और प्लॉट तैयार करते थे वहीं जावेद फिल्म के डायलॉग और गानों के लिरिक्स लिखते थे।
सलीम और जावेद ने साथ में शोले, डॉन, दीवार, त्रिशूल और मिस्टर इंडिया जैसी फिल्में कीं। दोनों ने साथ में जो फिल्में लिखीं उनमें आखिरी फिल्म थी मिस्टर इंडिया। दोनों क्यों अलग हुए इसकी वजह सामने नहीं आई।