- एक्टर शारिब हाश्मी ने कहा इंडस्ट्री में स्टार किड्स को मिलता है ज्यादा काम
- नेपोटिज्म पर शारिब हाश्मी ने कहा कि यह हर जगह है
- शारिब हाश्मी ने कई मुद्दों पर की खुलकर बात
ऑस्कर जीतने वाली फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' से पहचान बनाने वाले अभिनेता शारिब हाश्मी इंडस्ट्री में देर से तो आये लेकिन दुरुस्त आये। बचपन से ही एक्टिंग में रुचि रखने वाले शारिब ने बतौर लीड एक्टर पहली बार फिल्म 'फिल्मिस्तान' में काम किया।
आज शारिब ने वेब सीरीज 'Family Man' में JK का किरदार निभाकर अपनी एक नई पहचान बना ली है। हमने शारिब से कई मुद्दों पर बेबाक चर्चा की-
1. ‘फिल्मिस्तान’ से लेकर ‘फैमिली मैन’ तक का सफ़र कैसा रहा?
सफर बेहद उतार चढ़ाव से भरा रहा! मुझे लगा था की 'फिल्मिस्तान' के बाद चीजें आसान होंगी पर ऐसा हुआ नहीं! पर हां मुझे जो भी काम या पहचान मिली वो फिल्मिस्तान की बदौलत ही मिली। बीच में एक लो फेज भी आया था पर 'फैमिली मैन' ने दोबारा मेरे करियर में जान फूंक दी।
2. एक फिल्म के लिए काम करने और एक वेब सीरीज के लिए काम करने में क्या अंतर है?
एक ऐक्टर के तौर पर कोई अंतर मुझे नजर नहीं आता। मेरी परफॉर्मेंस में माध्यम के बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। हां, वेब सीरीज में छोटे से छोटे किरदार को भी अपना हुनर दिखाने का मौका मिलता है। जो कि बहुत अच्छी बात है। और एक दर्शक के तौर पर सिनेमा हमेशा मेरा पहला प्यार रहेगा।
3. मनोज वाजपेयी जैसे सीनियर एक्टर से क्या सीखा?
बहुत कुछ! आखरी समय तक वो कुछ नया करने की कोशिश में जुटे रहते हैं। काम के प्रति उनका समर्पण देखने लायक है, साथ ही जो अनुशासन वो अपनी निजी ज़िंदगी में बरकरार रखते हैं वो भी काबिल-ए-तारीफ है। अपने सह कलाकार को वो बेहद खूबसूरती से कम्फर्टेबल कर देते हैं। उनके साथ काम करना रोज एक एक्टिंग स्कूल जाने जैसा है।
4. लॉकडाउन का इंडस्ट्री पर क्या असर हुआ है?
लॉकडाउन से पूरी दुनिया पर असर हुआ है और हमारी इंडस्ट्री भी इसी दुनिया का हिस्सा है तो जाहिर है असर तो यहां भी होगा। खास तौर पर जब हमें फिल्म बनाते वक्त लोगों को इकट्ठा करना पड़ता है, फिर बनाने के बाद दिखाने के लिए हमें काफी लोगों को जमा करना होता है, सिनमा हॉल में और यह दोनों ही चीजें COVID-19 के कारण बेहद प्रभावित हुई हैं। पर मुझे लगता है के यह कुछ समय की बात है। जब चीजें नॉर्मल हो जाएंगी, तब लोग सिनमा हॉल में जाने के लिए फिर से लाइन लगाएँगे मुझे इसकी पूरी उम्मीद है।
5. सबसे ज़्यादा असर किस इंडस्ट्री पर पड़ा है - फिल्म या टेलीविजन?
सभी इंडस्ट्रीज पर असर पड़ा है। पर क्यूँकि नयी फ़िल्म देखने के लिए आपको घर से बाहर निकलना होता है, जो कि आज मुमकिन नहीं है, सिनमा हॉल भी बंद हैं, तो जाहिर है फिल्म इंडस्ट्री को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। टेलीविजन हम फिर भी घर की चार दिवारी में देखते हैं तो असर उतना नहीं हुआ है जितना के फ़िल्म वालों को हुआ है। हालांकि नए प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए दोनों को ही समान दिक्कतें पेश आ रही हैं।
6. क्या आपको लगता है अब समय आ गया है कि ज्यादातर कंटेंट OTT प्लेटफॉर्म पर ही रिलीज होंगे?
OTT का राइज होगा यह तो निश्चित ही है! पर मुझे लगता है के सिनेमा हॉल में फिल्म देखने का अलग आनंद है। और वो कभी खत्म नहीं होगा.
7. क्या घर के आराम में बैठकर फ़िल्म/सिरीज देखने का सिलसिला सिनेमा हॉल में बैठकर फिल्म देखने के क्रेज को कम कर देगा?
मुझे नहीं लगता के वो क्रेज़ कम होगा। एक बड़े से अंधेरे बंद हॉल में दो सौ तीन सौ लोगों के साथ फिल्म देखने का अलग आनंद है। हम भले ही पूरी तरह अजनबी होते हैं, पर सिनमा हम सबको एक साथ ले आता है। हम साथ में हंसते हैं, साथ में रोते हैं, साथ में तालियाँ बजाते हैं! वो क्रेज़ मुझे नहीं लगता कभी कम होगा।
8. पिछले दिनों सुशांत सिंह की आत्महत्या के बाद 'nepotism' शब्द सुर्खियों में है, इसपर आप क्या कहेंगे?
Nepotism हर फील्ड में है, हर इंडस्ट्री में है। मुझे इस बात से कोई आपत्ति नहीं है जब किसी स्टार के बेटे या बेटी को लॉन्च किया जाता है। यहां टिकता वही है जिसे जनता का प्यार मिलता है। हम बाहरी लोगों के लिए रास्ता ज्यादा कठिन होता है और स्टार्स के बच्चों को मौका ज़्यादा मिलते हैं खुद को साबित करने के लिए।
9. क्या इंडस्ट्री में nepotism के साथ साथ Favouritism भी हावी है?
Favouritism भी कहां नहीं है।
10. 'फैमिली मैन 2' के बारे में कुछ बताइये और इसके बाद अब क्या?
'फैमिली मैन 2' की शूटिंग पूरी हो चुकी है। इस वक्त उसका पोस्ट प्रोडक्शन चल रहा है। अभी उसे लॉन्च होने में थोड़ा और समय लगेगा। पर मैं एक बात दावे के साथ कह सकता हूं कि दर्शकों के लिए इंतजार का फल मीठा साबित होगा। दूसरे सीजन को शूट करने में मुझे बेहद मजा आया और मुझे पूरा यकीन है कि दर्शकों को भी देखने में उतना ही आनंद आएगा ।