- भारतीय सिनेमा का इतिहास 100 साल पुराना है।
- हर साल करीब 2000 से भी ज्यादा फिल्में बनती हैं।
- आज के ही दिन साल 1912 में भारत की पहली फीचर फिल्म श्री पुंडालिक रिलीज हुई थी।
भारतीय सिनेमा का इतिहास बेहद पुराना है। इसकी शुरुआत हुए अब तक 100 साल से भी लंबा वक्त बीत चुका है। इतने लंबे टाइम से चली आ रही हमारी फिल्मी विरासत आज रीजनल लेवल भी काफी फलफूल चुकी है। देशभर में हिंदी ही नहीं बल्कि कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी लगातार फिल्में बन रही हैं और दर्शक इन्हें खूब पसंद भी करते हैं। हर साल करीब 2000 से भी ज्यादा फिल्में बनती हैं। वैसे 18 मई यानी आज के ही दिन साल 1912 में भारत की पहली फीचर फिल्म श्री पुंडालिक रिलीज हुई थी। इस फीचर फिल्म का काम कम ही लोगों ने सुना है।
जब भी बात पहली फीचर फिल्म की होती है तो मूक मूवी श्री पुंडालिक का नाम सबसे पहले आता है। ये एक मराठी फिल्म थी और जिसकी कुल अवधि 22 मिनट थी। दादासाहेब तोरने के निर्देशन में बनी श्री पुंडालिक को कोरोनेशन सिनेमैटोग्राफ में रिलीज किया गया था। सिनेमाघरों में ये फिल्म कुल 2 हफ्ते तक चली थी।
पहली फिल्म पर रहा विवाद
श्री पुंडालिक को पहली फीचर फिल्म बताए जाने पर काफी विवाद भी रहा है। क्योंकि इस फिल्म को शूट करने वाले कैमरामैन एक ब्रिटिश जॉन थे। इसी वजह से श्री पुंडालिक को नहीं बल्कि कई लोग दादा साहेब फाल्के द्वारा निर्देशित फिल्म राजा हरीशचंद्र को पहली फीचर फिल्म मानते हैं।
श्री पुंडालिक और राजा हरीशचंद्र की रिलीज में है सालभर का अंतर
श्री पुंडालिक फिल्म के रिलीज होने से ठीक सालभर बाद यानी 1913 में राजा हरीशचंद्र रिलीज हुई थी। सिर्फ फिल्म को लेकर ही नहीं भारतीय सिनेमा के जन्मदाता को लेकर भी विवाद है। कुछ लोग दादासाहेब तोरने को तो कुछ दादा साहेब फाल्के को इंडियन सिनेमा का मेकर मानते हैं।