- फिल्म बार-बार देखो का गाना काला चश्मा सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।
- सोशल मीडिया यूजर्स इस गाने पर नए तरीके से रील्स बना रहे हैं।
- काला चश्मा गाना 90 के दशक के पंजाबी गाने का रीवर्क है।
Kala Chashma song original writer: बॉलीवुड फिल्मों में पंजाबी गानों का क्रेज जमकर चल रहा है। बीते कुछ साल में कई पंजाबी एल्बम के गानों में नया ट्विस्ट जोड़कर उन्हें रिलीज किया गया है। फिल्मी जगत के पॉपुलर गाने काला चश्मा के पीछे भी कुछ ऐसी ही कहानी है। कैटरीना कैफ और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म ‘बार बार देखो’ बॉक्स ऑफिस पर भले ही कमाल न दिखा पाई हो लेकिन, आज भी ये गाना सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा ट्रेंड होता है। क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड का काला चश्मा 90 के दशक के एक पंजाबी गाने का रीवर्क वर्जन है।
पंजाब के कपूरथला शहर के हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह शेरा (Amreek Singh Shera) ने कुछ अन्य के साथ मिलकर ये गाना लिखा था। जालंधर के पास स्थित तलवंडी चौधरियां गांव के रहने वाले 43 वर्षीय अमरीक सिंह पंजाब पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। अमरीक को इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि 1990 में उनके द्वारा लिखा गया एक गाना कभी किसी बॉलीवुड फिल्म का हिस्सा बन जाएगा। अमरीक के मुताबिक, 'दो महीने पहले मुझे एक दोस्त का फोन आया कि एक चैनल पर काला चश्मा नाम का गाना बजाया जा रहा है। मुझे समझ नहीं आया की मुझे कैसा लग रहा था। मैं खुश था मगर साथ ही जो कुछ भी हो रहा था उससे मैं हैरान भी था।'
गाने के लिए अमरीक को मिले केवल 11 हजार रुपए
जी म्यूजिक कंपनी के लेबल तहत रिलीज हुआ काला चश्मा तुरंत ही सबकी प्लेलिस्ट में शामिल हो गया था। हालांकि इसकी पॉपुलैरिटी का पूरा फायदा बॉलीवुड द्वारा उठाया गया और अमरीक के हाथ कुछ नहीं लगा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमरीक से 11 हजार रुपये का एक एग्रीमेंट साइन करवाया था, यह कहकर कि मुंबई स्थित एक कंपनी को इसे एक सीमेंट फर्म के उद्घाटन में बजाना है। चार महीने पहले अमरीक को जालंधर स्थित किसी एंजल रिकॉर्ड कंपनी ने संपर्क किया था। ऐसा उन्होंने कुछ अन्य गीतों के लिए किया गया था, जिस समय उन्होंने कहा कि एक सीमेंट कंपनी के उद्घाटन के लिए उन्हें इस गाने की जरूरत है।
अमरीक को है बस इस बात की शिकायत
अमरीक कहते हैं कि, 'अमर अर्शी द्वारा इस गाने को इंग्लैंड के एक शो में गाया गया था। फिर वहीं पर एक कंपनी ने इस गाने को रिलीज किया था और ये सुपरहिट बन गया। जिसके बाद चंडीगढ स्थित एक कंपनी ने इसे पंजाब में रिलीज किया था और ये यहा भी काफी पॉपुलर हुआ था।' अमरीक आगे बताते हैं, 'मुझे उस सीमेंट कंपनी का नाम नहीं पता, मुझे ये भी नहीं बताया गया की इस गाने को किसी फिल्म में इस्तेमाल किया जा रहा है। मुझे किसी के लिए कोई दुर्भावना नहीं है, लेकिन मेरी बस एक शिकायत है कि गाने के लॉन्च या फिल्म की स्क्रीनिंग के समय फिल्म इंडस्ट्री से किसी ने भी मुझे नहीं बुलाया। मैं बस वहां जाना चाहता था और सभी को बताना चाहता था कि पंजाब के एक छोटे से गांव के एक व्यक्ति ने गीत लिखा है।'
टीम इंडिया ने भी किया था डांस
काला चश्मा गाने पर कई रील्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिंबाब्वे के खिलाफ सीरीज के तीसरे वनडे में 13 रन से रोमांचक जीत के बाद टीम इंडिया के ओपनर शिखर धवन ने एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो में टीम इंडिया के खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में काला चश्मा गाने में जमकर डांस कर रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर एक अन्य रील में कुछ महिलाएं किटी पार्टी में इस गाने पर जमकर डांस कर रही हैं। फ्लोर पर एक भाभी गाने के हुक स्टेप्स कर रही हैं। ट्विटर पर एक अन्य वीडियो में कुछ विदेशी बच्चे भी इस गाने पर थिरकते नजर आ रहे हैं।
15 साल की उम्र में लिखा था ये गाना
अमरीक बताते हैं कि उन्होंने ये गाना तब लिखा था जब वे 15 साल के थे और 9वीं क्लास में पढ़ते थे। उन्होंने उस समय गाने को रिलीज करने के लिए भी कई सिगंर्स से संपर्क किया था। अमरीक द्वारा लिखे गए कुछ और गाने भी हैं जो मिस पूजा और रोशन प्रिंस जैसे लोकप्रिय गायकों द्वारा गाए गए हैं। लेकिन अमरीक सिंह को लगता है कि असली शोहरत तब मिलती है जब कोई गाना बॉलीवुड में आता है और लोग उसके दीवाने हो जाते हैं। बकौल अमरीक 'पंजाबी गीतकारों को उनका हक नहीं मिलता। यहां एक लेखक होना आसान नहीं है।'
यहां देखें काला चश्मा गाना और लिरिक्स (Kala Chashma Song and Lyrics)
तेरे ना दियां धूमन पे गैयां
तू चंडीगढ़ तोहं आई नि
तेनु देख के होक भरदे ने
खड़े चोव्कन विच तबाही नि
थोड्डी ते काला टिल कुड़िये
थोड्डी ते काला टिल कुड़िये
ज्यों दाग ऐ चांद दे टुकड़े ते
तेनु काला चश्मा
तेनु काला चश्मा
तेनु काला चश्मा जचदा ऐ
जचदा ऐ गोरे मुखड़े ते
सड़कों पे चले जब
लड़कों के दिलों में तू
आग लगा दे बेबी, फायर
नकली से नखरे करे
जब देखे तू हमें, झूठी लायर
काला काला चस्मा जचता तेरे मुखड़े पे
जैसे काला टिल जचता है रेरे चीन पे
ओनी अदाओं से ज्यादा नहीं तो
10-12 लड़के तो मार ही देती होगी तू दिन में
तुझ जैसे 36 फिरते हैं
मेरी वर्गी और ना होनी वे
वर्गी और ना होनी वे
वर्गी और ना होनी वे
मुंडा बिलकुल देसी है
मैं कटरीना तों सोहनी वे
मैं फेड अप हो गैयां मुंडेया
सुन सुन के दुखड़े वे
मेनू काला.. मेनू काला काला काला काला..
हो मेनू काला चस्मा जचदा ऐ
जचदा है गोरे मुखड़े पे
मेनू काला चस्मा जचदा ऐ
जचदा है गोरे मुखड़े ते
जचदा है गोरे मुखड़े ते
सड़कों पे चले जब
लड़कों के दिलों में तू
आग लगा दे बेबी फायर
नकली से नखरे करे तू
जब देखे हमें झूठी लायर
हो मेनू काला चस्मा
हो मेनू काला काला चस्मा
ए काला चस्मा
ओह काला काला काला काला ओय..
हे..
तेनु काला चश्मा जचदा ऐ
जचदा ऐ गोरे मुखड़े ते
तेन काला चस्मा जचदा ऐ
जचदा ऐ गोरे मुखड़े ते
तेनु काला चश्मा जचदा ऐ
जचदा ऐ गोरे मुखड़े ते
तेन काला चस्मा जचदा ऐ
जचदा ऐ गोरे मुखड़े ते
अमरीक ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने काला चश्मा के माध्यम से अपने गांव को ट्रिब्यूट दिया था। गाने की आखिरी लाइनों में तलवंडी चौधरियां नाम का जिक्र किया गया है। अगर आपने इस बात पर गौर नहीं किया था तो गाना एक और बार जरूर सुनें।