- प्रसिद्ध गायक भूपिंदर सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं।
- सोमवार को भूपिंदर सिंह ने मुंबई में आखिरी सांस ली।
Bhupinder Singh passes away: 'मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे...' के गायक भूपिंदर सिंह अब हमारे बीच नहीं है। प्रसिद्ध सिंगर भूपिंदर सिंह का निधन हो गया है। उनकी पत्नी और गायिका मिताली सिंह ने दिग्गज पार्श्व गायक भूपिंदर सिंह के निधन की पुष्टि की है। कई बॉलीवुड गानों के लिए मशहूर भूपिंदर सिंह ने सोमवार शाम को मुंबई के अंधेरी स्थित क्रिटिकेयर अस्पताल में शाम 7:45 बजे आखिरी सांस ली। सिंगर की पत्नी मिताली ने आईएएनएस को बताया, 'वह कुछ समय से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। इसमें यूरिनरी समस्याएं भी शामिल थीं।' 82 वर्षीय गायक भूपिंदर सिंह पिछले 6 महीने से अस्वस्थ थे। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर 12.30 बजे ओशिवारा श्मशान घाट पर होगा।
भूपिंदर सिंह ने पिता से ली थी संगीत की शिक्षा
भूपिंदर सिंह का जन्म 6 फरवरी, 1940 को अमृतसर के पंजाब में हुआ था। उनके पिता प्रोफेसर नत्था सिंह एक बेहतरीन संगीतकार थे, लेकिन मौसिकी सिखाने में सख्ती बरतते थे। सबसे पहले भूपिंदर को संगीत की शिक्षा नत्था सिंह ने ही प्रदान की। पिता की सख्ती के कारण भूपिंदर को संगीत से नफरत हो गई थी लेकिन धीरे-धीरे उनके मन में संगीत के प्रति प्रेम पैदा होने लगा और फिर वो सीखते चले गए।
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भूपिंदर ने 1980 के दशक में बांग्ला गायिका मिताली मुखर्जी से शादी की थी। शादी के बाद उन्होंने पाश्र्व गायन से किनारा कर लिया। दोनों ने कई कार्यक्रम एक साथ प्रस्तुत किए और भूपिंदर-मिताली की जोड़ी खूब मशहूर हो गई। दोनों ने खूब नाम और शोहरत कमाई। कपल की कोई संतान नहीं है।
भूपिंदर सिंह ने कई बेहतरीन नगमे गाए। जैसे नाम गुम जाएगा, होठों पे ऐसी बात, करोगे याद तो, मीठे बोल बोले, खुश रहो अहले-वतन हम तो सफर करते हैं, कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, दरो-दीवार पे हसरत से नजर करते हैं इसमें शामिल हैं। ये गीत आज भी गुनगुनाए जाते हैं। भूपिंदर ने कई बेहतरीन एल्बम गीत भी गाए।