- अपने दमदार डायलॉग के लिए मशहूर है सनी देओल का नाम
- लोगों को आज भी मुंह जुबानी याद है उनका आक्रामक अंदाज
- एक नजर सनी देओल के 10 सबसे मशहूर डायलॉग्स पर
मुंबई: सनी देओल, जिनका असली नाम अजय सिंह देओल है, आज 64 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1956 को हुआ था। सनी देओल और उनके पिता धर्मेंद्र दोनों ने अपने समय में फिल्मी दुनिया में भरपूर स्टारडम का आनंद लिया और ये दोनों ही अपनी दमदार छवि के लिए जाने जाते हैं हालांकि सनी शायद फिल्मी डायलॉग बोलने और लोगों के बीच छा जाने में अपने पिता से एक कदम आगे निकल गए।
खासतौर पर कुछ फिल्मों में तो सनी देओल ने बेहद यादगार प्रस्तुतियां दी हैं। उनका अभिनय, डांस की अनूठी शैली और आक्रामक अंदाज बार बार लगातार लोगों का दिल जीतता रहा। आज भी अभिनेता की वो पुरानी फिल्मों की लाइनें लोगों को मुंह जुबानी याद हैं। यहां तक कि बीते लोकसभा चुनाव के प्रचार में भी उनके डायलॉग का जमकर इस्तेमाल हुआ था और अभिनेता मौजूदा समय में सांसद हैं। आइए एक नजर डालते हैं सनी देओल के कुछ सबसे यादगार डायलॉग्स पर।
1. फिल्म- गदर: एक प्रेम कथा- अशरफ अली! आपका पाकिस्तान जिंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज नहीं लेकिन हमारा हिंदुस्तान ज़िंदाबाद था, ज़िंदाबाद है, और ज़िंदाबाद रहेगा!
2. सिंह साब द ग्रेट - बलि हमेशा बकरे की दी जाती है ... शेर की नहीं, शेर बनो।
3. दामिनी - जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पर पड़ता है तो आदमी उठता नहीं, उठ जाता है।
4. 'तारीख पे तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख मिलती रही है... लेकिन इंसाफ नहीं माय लॉर्ड, इंसाफ नहीं मिला। .. मिली है तो सिर्फ तारीख।'
5. बॉर्डर- मथुरा दास, जिंदगी का दूसरा नाम ही प्रॉब्लम है।
7. मरकर किसी ने लड़ाई नहीं जीती, लड़ाई जीती जाती है दुश्मन को खत्म करके।
8. घातक- डरा के लोगों को वो जीता है जिसकी हडि्डयों में पानी भरा हो। इतना ही मर्द बनने का शौक है न, तो इन कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे कात्या।
9. ये मजदूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है।
10. जो बोले सो निहाल- नो इफ नो बट.. सिर्फ जट्ट।
हाल ही में सनी देओल ने अपने निर्देशन में बेटे करण देओल को लॉन्च किया है हालांकि बॉक्स ऑफिस पर 'पल पल दिल के पास' फिल्म सफल साबित नहीं हो सकी। बड़े पर्दे पर सनी देओल आखिरी बार फिल्म 'भैय्याजी सुपरहिट' में नजर आए थे और यह फिल्म नवंबर 2018 में रिलीज हुई थी।