- 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था
- बॉलीवुड का उभरता सितारे थे सुशांत सिंह राजपूत जो अपने दम पर आगे बढ़े थे
- 14 जुलाई तक कई सुसाइड की खबरें आ चुकी हैं जो परेशान करने वाला मामला है
बॉलीवुड का एक ऐसा सितारा जिसकी चमक अभी पूरे आसमान में बिखरी भी नहीं थी कि उसने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। सुशांत सिंह राजपूत की मौत को एक महीना हो गया है, लेकिन अभी भी लोग इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से बहुत से प्रशंसकों के आत्महत्या करने की खबरें सामने आयीं। उत्तर प्रदेश के बरेली से एक युवा लड़के ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर सुनने के कुछ दिन बाद ही आत्महत्या कर ली। मौत को गले लगाने से पहले दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले इस लड़के ने एक सुसाइड नोट लिखा। उसमें उसने अभिनेता की मौत को कोट करते हुए लिखा - अगर वह कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं। दुख की बात तो ये है की, ये कोई इकलौती घटना नहीं थी।
TikTok स्टार की मौत
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के खबर के तुरंत बाद ही tik tok स्टार की मौत की खबर हर जगह सुर्खियां बटोरने लगी। इस सितारे की मौत के बाद 18 साल की एक और tiktok सितारे ने भी आत्महत्या करके दुनिया को अलविदा कह दिया। tiktok पर प्रतिबन्ध लगने के बाद से लड़की अवसादग्रस्त थी।
कन्नड़ फिल्म स्टार सुशील गौड़ा ने मौत को गले लगाया
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से टीवी, अखबार सोशल मीडिया, हर जगह मानसिक बीमारी पर बड़े-बड़े डिबेट होने लगे। 7 जुलाई को जब कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के इस सितारे ने मौत को गले लगाया, तो सबकी आंखें नम हो गई। सुशील गौड़ा एक अभिनेता और फिटनेस ट्रेनर थे और कन्नड़ सोप ओपेरा अंतापुरा में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते थे।
क्या सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने दूसरों को उकसाया?
इन घटनाओं से एक सवाल उठा। क्या सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मौत ने उन लोगों के दिमाग पर असर डाला, जो पहले से ही आत्महत्या करने जैसे विचारों से जूझ रहे थे? इसी को समझने के लिए हमने परामर्श मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक चार्वी जैन और एक मनोवैज्ञानिक कल्याण केंद्र से बात की।
यह व्यक्तिगत नुकसान की तरह लगता है
मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक चार्वी जैन ने कहा कि इन फिल्मी सितारों को देखते हैं, उनके बारे में पढ़ते हैं, उन्हें सोशल मीडिया पर इतना फॉलो करते हैं कि उनकी एक-एक बात से हम जुड़े रहते हैं। हम उन्हें अपने जीवन का एक हिस्सा मान लेते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो उससे निपटने के लिए आप उन्हीं तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिनके बारे में आपने पढ़ा है। आप जिन लोगों को पसंद करते हैं, उनकी तरह उसे हल करने की कोशिश करते हैं।
अक्सर चुनौतीपूर्ण समय पर आप तुरंत अपने चहेते सितारे के किसी फिल्मी पात्र से खुद को जोड़ लेते हैं। उसी पात्र के अनुसार आप अपनी समस्या को हल करने की कोशिश करते हैं। एक तरह से उस पात्र का आपके जीवन पर बहुत गहरा असर होता है। वो सितारे आपके लिए उत्साह का काम करते हैं और जब वही सितारे आपसे जुदा हो जाते हैं, तो आप अकेला महसूस करते हैं।
कल्पना से परे होता है एक सितारे की मौत का असर
चार्वी आगे कहती हैं कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत का असर युवा पीढ़ी के लिए और भी व्यक्तिगत रहा है, क्योंकि सुशांत किसी बड़े स्टार के नहीं बल्कि जमीनी अभिनेता थे। उनके संघर्ष में युवाओं को खुद का संघर्ष दिखाई दिया। युवा उनकी जिन्दगी से खुद को जोड़कर देखते थे।
देखा देखी आत्महत्या करना
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद युवाओं पर हो रहे इस असर के बारे में हमने काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट रचना अवतरमानी से बात की। उनकी राय भी चार्वी जैन से मेल खाती है। उन्होंने भी कहा - आत्महत्या के कारण किसी सेलेब्रिटी की जान जाने का असर बहुत बड़ा है और इसका ताजा उदाहरण सुशांत सिंह राजपूत हैं। कभी-कभी प्रशंसक और उनके आस-पास के लोग उनके नक्शेकदम पर चलते हैं और सेलिब्रिटी के कार्यों की नकल करते हैं। हालांकि उनका ये भी कहना है कि आत्महत्या के असली कारण को जानना आसान नहीं है। आत्महत्या के बारे में बात करने के लिए जागरूकता और खुलेपन की जरूरत है।
अनुवादक : श्वेता सिंह, सीनियर असिस्टेंट प्रोड्यूसर, टाइम्स नाउ (टाइम्स ऑफ इंडिया से साभार)