- सुष्मिता सेन 26 साल पहले आज ही के दिन मिस यूनिवर्स बनीं थीं।
- सुष्मिता से पहले ऑर्गनाइजर ऐश्वर्या राय को इस प्रतियोगिता में भेजना चाहते थे।
- सुष्मिता सेन का पासपोर्ट खो गया था।
मुंबई. सुष्मिता सेन के सिर पर मिस यूनिवर्स का ताज सजे आज पूरे 26 साल हो गए हैं। सुष्मिता सेन ने साल 1994 में ये खिताब अपने नाम कर पूरे देश का नाम रोशन किया था। इस कॉन्टेस्ट के फिनाले में सुष्मिता से खास सवाल पूछा था, जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया था।
1994 में मिस यूनिवर्स के मंच पर सुष्मिता सेन से अंतिम सवाल पूछा गया था कि- 'महिला होने का मतलब और अहसास क्या है?' इस पर सुष्मिता ने जवाब दिया- 'महिला होना भगवान का तोहफा है जिसकी हम सबको कद्र और सराहना करनी चाहिए।बच्चे की उत्पत्ति मां से है, जो एक महिला ही है।'
सुष्मिता ने कहा था- 'महिला एक आदमी को सिखाती है कि साझा करना, ख्याल रखना और प्यार करना किसे कहते हैं। यही एक महिला का गुण और उसकी खासियत है।' इसके अलावा सुष्मिता से पूछा- अगर आपके पास टाइम और पैसा है तो आप क्या रोमांचक चीज करेंगी। सुष्मिता ने कहा- ' दुनिया में सबसे रोमांचक चीज हैं-बच्चे।'
खो गया था पासपोर्ट
सुष्मिता सेन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के लिए जाना था लेकिन उनका पासपोर्ट खो गया था। सुष्मिता ने कहा, 'मेरा पासपोर्ट उस समय की मशहूर मॉडल अनुपमा वर्मा को दिया गया था, वो इवेंट की कॉर्डिनेटर भी थीं। उन्हें यह पासपोर्ट बांग्लादेश के एक शो के लिए दिया गया था। उन्हें ये आईडी प्रूफ के तौर पर चाहिए था।
अनुपमा उसे ढूंढ नहीं पाईं और उन्होंने इसकी जिम्मेदारी भी ली। लेकिन वो समय बहुत खराब था और मैं अपने पापा के सामने रोना चाहती थी। मैंने कहा, मैं नहीं जानती कि क्या करना है क्योंकि मेरा परिवार मजबूत नेटवर्किंग वाला नहीं है।'
ऐश्वर्या राय को भेजने वाले ऑर्गनाइजर
सुष्मिता से पूछा गया कि क्या ऑर्गेनाइजर उनकी जगह ऐश्वर्या को भेजना चाहते थे? इसपर सुष्मिता ने कहा, 'ये सच है। मैं उस समय रोई नहीं बल्कि मैं नाराज थी क्योंकि जब आप कोई चीज खुद जीतते हैं तब आप किसी से रिक्वेस्ट नहीं करते। सुष्मिता ने कहा, 'मैं केवल अपने पिता के सामने रोई और मैंने कहा, बाबा मैं कहीं नहीं जा रही हूं।'
सुष्मिता ने बताया- 'उस वक्त राजेश पायलट ने पासपोर्ट हासिल करने में हमारी मदद की थी। वो खुद और कहा कि वो हमारे देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं तो हमें इसमें देर करने की जगह इसका हल ढूंढना चाहिए। और इस तरह मैं मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के लिए गई।'