- जिंदगी के आखिरी दिनों में वे मुंबई के नानावटी अस्पताल के जनरल वॉर्ड में भर्ती रहीं।
- ‘हमराज’ की रिलीज के 10 साल बाद ही विमी की हालत बेहद तंग हो गई।
- शराब पीने की वजह से उनका लीवर पूरी तरह खराब हो गया था।
Tragic story of Actress Vimi: बॉलीवुड की दुनिया निराली है। यहां एक समय कोई सिर आंखों पर होता है तो एक समय तन्हा हो जाता है। करोड़ों के दिलों पर राज करने वाली कई एक्ट्रेस ने असल जिंदगी में तन्हाई झेली और अंतिम समय में काफी दर्द झेला। कई अदाकाराओं को तो मौत के बाद भी चार कंधे नहीं मिल सके। किसी को पति का प्यार नहीं मिला था तो किसी को प्यार होने के बाद भी साथ नहीं मिल पाया। आज हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं उसकी मौत तो जनरल वार्ड में हो गई थी।
हम बात कर रहे हैं फिल्म हमराज से रातों-रात स्टार बनने वाली विमी की। 60 के दशक की खूबसूरत हीरोइन विमी जिसकी खूबसूरती का कायल पूरा हिंदी सिनेमा था। इन्होंंने उस दौर के सबसे बड़े एक्टर सुनील दत्त और राजकुमार जैसे एक्टर्स के साथ कई बड़ी हिट फिल्में दी थी। विमी का जन्म 1943 में पंजाबी फैमिली में हुआ था। उन्होंने मुंबई के कॉलेज शोफिया से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया और पढ़ाई पूरी होने के बाद वह शादी के बंधन में बंध गयी। कोलकाता के एक कारोबारी शिव अग्रवाल से उन्होंने शादी कर ली।
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विमी को एक्ट्रेस बनाने का क्रेडिट म्यूजिक डायरेक्टर रवि को जाता है। विमी मुंबई पहुंचीं तो रवि ने उनकी मुलाकात डायरेक्टर बी. आर. चोपड़ा से कराई। चोपड़ा ने उन्हें अपनी फिल्म 'हमराज' में बतौर लीड एक्ट्रेस साइन कर लिया। इस फिल्म में राजकुमार, सुनील दत्त और मुमताज के अहम रोल थे। 'हमराज' सुपरहिट हुई और विमी रातोंरात सुपरस्टार बन गईं।
‘हमराज’ की रिलीज के 10 साल बाद ही विमी की हालत बेहद तंग हो गई। टेक्स्टाइल इंडस्ट्री में भी उन्हें इतना घाटा हुआ कि उन पर कर्ज बढ़ गया। पति से अलग होने के बाद वे डिप्रेशन में आ गई थीं। जहां उनकी सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट हो रही थीं लेकिन उनकी निजी जिंदगी में सब कुछ धीरे-धीरे तबाह हो रहा था। इस वजह से पति से उनका तलाक हो गया।
डिप्रेशन में विमी ज्यादा शराब पीने लगीं और उनका लीवर पूरी तरह खराब हो गया। मुंबई में रहकर फिल्मों में काम करने के लिए उन्होंने एक आलीशान घर भी लिया था। उस जमाने में उनके पास कई गाड़ियां भी हुआ करती थीं। लेकिन हालत ऐसी हो गई कि इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं थे।
जिंदगी के आखिरी दिनों में वे मुंबई के नानावटी अस्पताल के जनरल वॉर्ड में भर्ती रहीं। 22 अगस्त 1977 को नानावटी अस्पताल में ही विमी का निधन हो गया। लेकिन उस वक्त उन्हें कंधा देने वाला भी कोई नहीं था। लोग बताते हैं कि उनके मौत के बाद उनके शरीर को ठेले पर श्मशान तक ले जाना पड़ा था।