- कारगिल युद्ध में शौर्य का परिचय देते हुए शहीद हुए थे विक्रम बत्रा
- तीन जुलाई को रिलीज होनी थी उनकी बायोपिक शेरशाह
- बेहद दिलचस्प है विक्रम बत्रा की प्रेम कहानी
Vikram batra death anniversary: कारगिल युद्ध के हीरो विक्रम बत्रा की आज (7 जुलाई) पुण्यतिथि है। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वह शहीद हो गए थे। विक्रम बत्रा को कारगिल युद्ध के दौरान हम्प व राकी नाब जीतने के बाद कैप्टन प्रमोट कर दिया है। इसके अलावा प्वाइंट 5140 चोटी जीतने के बाद विक्रम का विक्ट्री सिग्नल 'ये दिल मांगे मोर' काफी चर्चित था। बॉलीवुड अब विक्रम बत्रा की शौर्यगाथा को पर्दे पर लाने की तैयार में है। विक्रम बत्रा की बायोपिक की शूटिंग काफी वक्त से हो रही है।
कारगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा का कोडनेम शेरशाह था और इसी वजह से उनकी बायोपिक का नाम भी शेरशाह रखा गया है। कुछ वक्त पहले सिद्धार्थ मल्होत्रा ने शेरशाह का पोस्टर शेयर किया था जिसमें वह बंदूक लिए अपनी बटालियन के साथ पहाड़ी चढ़ते हुए नजर आए थे। अगर कोरोना काल नहीं होता तो यह फिल्म तीन जुलाई 2020 को रिलीज होने वाली थी।
शेरशाह फिल्म की शूटिंग कश्मीर, पालमपुर, लद्दाख और चंडीगढ़ में हुई थी। इस फिल्म के लिए सिद्धार्थ ने मिलिट्री ट्रेनिंग भी ली है। सिद्धार्थ और कियारा के अलावा फिल्म में जावेद जाफरी, परेश रावल, हिमांशु मल्होत्रा अहम रोल में हैं।
ऐसी है शौर्य की कहानी
कप्तान विक्रम बत्रा ने साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय क्षेत्र की रक्षा करते हुए अपनी जिंदगी को राष्ट्रसेवा में लगा दी। उनकी बहादुरी की वजह से उन्हें 'शेरशाह' कहा जाता था। 5140 जीतने के बाद विक्रम की बटालियन ने प्वाइंट 4875 को जीतने का अभियान शुरू किया। इस अभियान के दौरान शौर्य का परिचय देते हुए विक्रम वीरगति को प्राप्त हो गए थे। उन्हें भारत सरकार ने 15 अगस्त 1999 को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया था।
दिलचस्प है विक्रम बत्रा की लव स्टोरी
पंजाब यूनिवर्सिटी में कारगिल युद्ध से पहले उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई और दोनों की दोस्ती हो गई। मिलने-मिलाने का सिलसिला चलता रहा और यह दोस्ती प्यार में बदल गई। 1996 में विक्रम आर्मी में पहुंचे और देहरादून चले गए। विक्रम के दूर जाने से दूरियां बढ़ीं। विक्रम ने उस लड़की से वादा किया था युद्ध के बाद दोनों शादी करेंगे लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो पाया। विक्रम के शहीद होने के बाद उनकी प्रेमिका ने कहा था- "वो लौटा नहीं और जिंदगी भर के लिए मुझे यादें दे गया"!