- अस्पताल को देखकर असहज हो जाते हैं शाहरुख खान
- कम उम्र में हो गया था माता-पिता का निधन
- पहले बेटे को जन्म देते समय बेहद बुरी थी पत्नी गौरी खान की हालत
मुंबई: शाहरुख खान को अक्सर अस्पतालों से डर लगता है। वह अपने प्रियजनों को अस्पताल के बिस्तर पर देखकर बेचैन हो जाते हैं। शाहरुख 15 साल के थे जब उन्होंने अपने पिता को खो दिया और 26 साल की उम्र में उनकी मां का निधन हो गया। तबीयत खराब होने के दौरान दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और इसका शाहरुख पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। इसलिए जब पत्नी गौरी खान अपने पहले बच्चे आर्यन खान के जन्म से पहले प्रसव पीड़ा से गुजर रही थीं तो शाहरुख उनकी स्थिति देखकर डर गए थे। एक्टर ने सोचा कि उनकी पत्नी भी उन्हें छोड़कर चली जाएंगी।
शाहरुख ने कभी गौरी को बीमार होते या अस्पताल में भर्ती होते हुए नहीं देखा था। उसका शरीर ठंडा होते देख, शाहरुख के मन में कुछ देर के लिए उन्हें खोने का डर आ गया। उन्होंने उस समय उनके अजन्मे बच्चे के बारे में भी नहीं सोचा... वह चाहते थे कि गौरी को फिर से होश में आएं और सेहतमंद हो जाएं।
शाहरुख ने 1998 में दिए एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैंने अपने माता-पिता को अस्पतालों में खो दिया है इसलिए मुझे अस्पतालों में रहना पसंद नहीं है और गौरी काफी नाजुक है। मैंने उसे कभी बीमार होते हुए या उसे अस्वस्थ नहीं देखा था। जब मैंने उसे अस्पताल में देखा तो उन्होंने ट्यूब और दूसरी कई चीजें उसके शरीर पर लगा दी थीं। वह बेहोश हो रही थी और ठंड से कांप भी रही थी। मैं उसके साथ उसके सिजेरियन ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थिएटर गया... और मुझे लगा कि वह मर जाएगी। उस समय मैंने बच्चे के बारे में सोचा भी नहीं था। यह मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं था।'
शाहरुख ने कहा, 'वह बहुत कांप रही थी और मैं तार्किक रूप से जानता हूं कि आप बच्चों को जन्म देते समय नहीं मरते... लेकिन पुरानी यादों ने मेरे अंदर उस डर को जिंदा कर दिया।'
बता दें कि शाहरुख और गौरी के तीन बच्चे हैं- आर्यन खान, सुहाना खान और अबराम। बॉलीवुड का यह पावर कपल इस साल 25 अक्टूबर को अपनी 30वीं शादी की सालगिरह मनाएगा।