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Women's Day 2020: थप्पड़ में तापसी से लेकर राजी में आलिया तक, जब इन एक्ट्रेसेज ने निभाए मजबूत किरदार

Updated Mar 08, 2020 | 06:51 IST |

Women's Day 2020 Special: बॉलीवुड का चेहरा धीरे-धीरे बदलता जा रहा है और अब फिल्मों में एक्ट्रेसेज किसी ऑब्जेक्ट की बजाए मजबूत किरदार निभाते हुए दिखती हैं। देखें बॉलीवुड के कुछ ऐसे की फीमेल कैरेक्टर्स...

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Women's Day 2020: Strong female characters in bollywood
मुख्य बातें
  • एक्ट्रेसेज को लेकर बदली बॉलीवुड की सोच
  • अब फिल्मों में मजबूत किरदारों में दिखने लगी एक्ट्रेसेज
  • इन किरदारों को देख आप भी इनकी तारीफ किए बिना रह पाएंगे

बॉलीवुड पर अक्सर इस बात को लेकर सवाल उठाए जाते हैं कि फिल्मों में महिला किरदारों को सिर्फ शो पीस की तरह रखा जाता है। उन्हें हीरो की तरह मजबूत कैरेक्टर नहीं दिया जाता है। कई फिल्मों में उन्हें ऑक्जेक्ट की तरह दिखाया जाता है। जहां हीरो के हिस्से में महत्वपूर्ण रोल आता है, वहीं एक्ट्रेस को कमजोर पेश किया जाता है। लेकिन धीरे-धीरे अब बॉलीवुड फिल्मों की सूरत बदलने लगी है। इसमें एक्ट्रेसेज को लीड किरदार में दिखाया जाने लगा है। 

अब एक्ट्रेस एक मजबूत फीमेल किरदार के रूप में पर्दे पर नजर आती है, जिसे गुंडों से बचने के लिए किसी हीरो की जरूरत नहीं है। जो वक्त आने पर खुद के लिए स्टेंड लेने और इसके लिए अपने परिवार या प्यार के खिलाफ जाने से भी नहीं घबराती है।

थप्पड़ में तापसी पन्नू
इसका सबसे ताजा उदाहरण थप्पड़ फिल्म है, जो हाल ही में रिलीज हुई है। घरेलू हिंसा एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर बहुत कम ही बात की जाती है। हिंसा जैसी बात को एक शादी में छोटा मान लिया जाता है, लेकिन इसी के खिलाफ आवाज उठाती है तापसी पन्नू की फिल्म थप्पड़। जिसमें उनका किरदार ये कहते हुए नजर आता है कि एक थप्पड़ ही था, लेकिन नहीं मार सकता। जो बिल्कुल सही है, शादी करके किसी शख्स को अपने पार्टनर पर हाथ उठाने का हक नहीं मिल जाता है। इसमें जहां अमृता (तापसी) का खुद का परिवार उसके खिलाफ जाकर पति का साथ देता है, वहीं अमृता अपने फैसले पर अड़ी रहती है और पति को तलाक देना चाहती है। 'कबीर सिंह' जैसी फिल्मों के बीच हमें इसी तरह के मजबूत किरदारों की जरूरत है।

राजी में आलिया भट्ट
मेघना गुलजार ने फिल्म राजी के साथ हमें सहमत (आलिया भट्ट) जैसा मजबूत किरदार दिया। जो अपने पिता के पदचिन्ह पर चलकर देश के लिए खुफिया जासूस के रूप में काम करती है। इस किरदार में सहमत की बहादूर, देशभक्ति और जासूसी की मजबूत क्वालिटी नजर आती है। इसमें वे अपने पति के खिलाफ जाने से भी नहीं घबराती और देश के लिए जान देने को भी तैयार रहती है। उनका डायलॉग, 'वतन के आगे कुछ नहीं...खुद भी नहीं' अभी भी सबके जहन में ताजा है।

मर्दानी और मर्दानी 2 में रानी मुखर्जी
जैसा कि नाम से ही पता चलता है ये एक बोल्ड और मजबूत 'मर्दानी' की कहानी है। इस फिल्म में किसी हीरो की जरूरत नहीं है, क्योंकि शिवानी शिवाजी रॉय के रूप में रानी मुखर्जी को इस अवतार के आगे किसी का टिकना ही मुश्किल था। फिल्म में कई घिनौने अपराध और फाइट सीन्स है, जिसे रानी ने बखूबी निभाया। इस फिल्म से उन्होंने साबित किया कि अगर किसी महिला को चैलेंज दिया जाए तो उसमें इतनी क्षमता है कि वो पूरी दुनिया से अकेली लड़ ले। अपने कर्तव्य के आगे शिवानी पर्सनल लाइफ को भी नहीं आने देती और हर तरह के खतरों का सामना करने के लिए तैयार रहती है।

क्वीन में कंगना रनौत
शुरुआत में भले ही फिल्म में कंगना रनौत का किरदार 'रानी' थोड़ा सहमा हुआ और कमजोर हो। लेकिन वक्त के साथ-साथ रानी को अपनी वैल्यू समझ आती है। शादी टूटने के बाद रानी अकेले अपने हनीमून पर जाती है और कुछ अलग अनुभव लेती है। इसमें शादी टूटने के बाद रानी और उसका परिवार समाज की सहानूभूति पर नहीं जीता, बल्कि मजबूती से स्थिति का सामना करता है। सिर्फ कंगना ही नहीं, फिल्म में लीजा हेडन का किरदार भी बहुत मजबूत दिखाया गया है, जो एक सिंगल मदर है और अपनी और बेटे की केयर खुद करती है। साथ ही फिल्म फीमेल फ्रेंडशिप और दोनों के एक-दूसरे के सपोर्ट करने को भी खूबसूरती से दिखाया गया था।

कहानी में विद्या बालन
विद्या बालन बॉलीवुड की उन एक्ट्रेसेज में से एक हैं जो हमेशा मजबूत फीमेल किरदार निभाना पसंद करती हैं। उनकी यही क्वालिटी उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। वैसे तो हर फिल्म में विद्या मजबूत कैरेक्टर ही प्ले करती हैं, लेकिन कहानी में उनके किरदार ने सबको चौंका दिया। कैसे वे अपने पति के कातिल को मारती है और इसके लिए पूरा प्लान बनाती है। मिसेज बागची के रूप में विद्या अपने पति और बच्चे को खोने के बाद गम मनाने की बजाए कातिल को सबक सीखाने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल देती है।

गली बॉय में आलिया भट्ट
पिछले साल रिलीज हुई रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की फिल्म गली बॉय को जबरदस्त सराहना मिली। इस फिल्म में भले ही रणवीर के रैपर बनने की जर्नी को दिखाया गया हो, लेकिन जोया अख्तर की फिल्म हो और इसमें मजबूत फीमेल कैरेक्टर न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। फिल्म में रणवीर के अपोजिट आलिया भट्ट नजर आईं, जिनके सीन्स भले ही उनसे बहुत कम हो, लेकिन जब-जब वे स्क्रीन पर आईं उन्होंने सबका दिल जीत लिया। असल मायने में आलिया का किरदार सफीना सच्चा फेमिनिस्ट था। फेमिनिस्ट होने का मतलब छोटे कपड़े पहनना या ड्रिंक करना नहीं होता, बल्कि अपने हक के लिए खड़े होना से है, जो हिजाब पहनकर भी किया जा सकता है।

जब सफीना के परिवार को उसके रिलेशनशिप के बारे में पता चलता है तो उसकी पढ़ाई छुड़वाने की बात होने लगती है। लेकिन सफीना ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती हैं और प्यार से ऊपर पढ़ाई को रखती है। वे अपने करियर से नहीं भटकना चाहती है। वहीं मुराद (रणवीर) से वे लॉयलटी के अलावा कुछ नहीं मांगती और उसके रैपर बनने के सपने में उसका साथ देती है।
 

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