- अनुपम खेर सोशल मीडिया पर खुलकर अपनी राय रखते हैं
- हाल ही में अनुपम खेर ने टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार से खास बातचीत की है।
- इस दौरान अभिनेता ने द कश्मीर फाइल्स और कश्मीरी पंडितों को लेकर बेबाकी से अपनी राय रखी।
Anupam Kher on Kashmir Files in Frankly Speaking: बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर इन दिनों अपनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर काफी चर्चा में बने हुए हैं। फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर अनुपम खेर खुलकर अपनी राय रख रहे हैं तथा कश्मीरी पंडितों से जुड़े इस मुद्दे पर काफी बेबाकी के साथ सामने आए हैं। अब शनिवार को अनुपम खेर ने टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार से खास बातचीत की है। इस दौरान अनुपम खेर ने फिल्म पर हो रही राजनीति और कश्मीर पंडितों के दर्द पर लगातार किए जा रहे कटाक्ष पर अपनी बेबाकी से बात रखी।
टाइम्स नाउ नवभारत के शो फ्रैंकली स्पीकिंग में अनुपम खेर ने सबसे पहले बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर की, जो उन्होंने फिल्म को टैक्स-फ्री करने को लेकर विपक्ष पर हमला बोला। केजरीवाल ने कहा था कि अगर सबको मूवी दिखानी है तो डायरेक्टर को बोलो कि वो इसे यूट्यूब पर डाल दे, सब फ्री में देख लेंगे। कश्मीरी पंडितों के नाम पर करोड़ों कमाया जा रहा है। इस बयान के बाद केजरीवाल सुर्खियों में आ गए। 'द कश्मीर फाइल्स' में अहम भूमिका निभाने वाले अनुपम खेर ने उनके बयान को निंदनीय और अशोभनीय बताया है।
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अनुपम खेर ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स में कोई गाने नहीं है कोई लोकेशन नहीं हैं.. ये एक दर्दभरी रियल कहानी है। इस कहानी को जनता तक पहुंचाने में 32 साल लग गए। मुझे नहीं लगता है इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह की बयानबाजी असंवेदनशील है। ये देश की जनता के साथ हुई एक त्रादसी थी जिसमें कई कश्मीरी पंडितों को किन हालातों से गुजरना पड़ा, आप सोच भी नहीं सकते हैं। आज तक वो न्याय के लिए भटक रहे हैं और इसपर उनका ऐसा बयान जख्मों पर नमक छिड़कना है।
अनुपम खेर ने आगे कहा कि किसी सामान्य व्यक्ति को भी इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए, वो तो मुख्यमंत्री हैं और इतने एजुकेटेड हैं। एक अनपढ़, गंवार आदमी भी ऐसी बात नहीं करता है। आप इसे कैसे प्रोपोगेंडा बोल सकते हैं? क्या आपने फिल्म देखी है? मुझे पता है कि इस बयान के बाद मुझे ट्रोल किया जाएगा, लेकिन मुझे इससे डर नहीं लगता है।
अनुपम खेर की आंखों में आ गए आंसू
नाविका कुमार के साथ बातचीत करते वक्त अनुपम खेर काफी इमोशनल भी हो गए। जब उन्होंने कश्मीरी पंडितों के दर्द को लेकर बात की, जिससे वो गुजरे हैं उसकी कल्पना करते वक्त अनुपम की आंखों में आंसू आ गए। अनुपम खेर ने कहा, 'मैंने सिर्फ पुष्कर नाथ पंडित का किरदार निभाया है। उस रिफ्यूजी टेंट में आप कल्पना कीजिए कैसे वो व्यक्ति अपनी फैमिली और 15 लोगों के साथ रहा..। वो स्थिति सोचकर भी भयावह लगती है...।'
अच्छे काम की तारीफ करना बीजेपी का भक्त कैसे?
अनुपम खेर ने इस दौरान यह भी बताया कि वो हमेशा से ही राष्ट्रवादी रहे हैं। बीजेपी के पॉवर में आने से पहले भी वो ऐसे ही देशहित की बात करते रहे हैं। अभिनेता का कहना है कि जो भी अच्छा काम करता है वो उसकी तारीफ करते हैं। अच्छे काम की तारीफ करना बीजेपी का भक्त कैसे हो सकता है? मैं हमेशा से ही सही से पक्ष में रहा हूं।
अब राहुल गांधी आते हैं और अपने भाषण में सिर्फ विपक्षी सरकार की कमियां गिनाकर निंदा करते हैं, इसके बजाय अगर वो यह बताएं कि राष्ट्र कैसे आने वाले अलगे 5 सालों में तरक्की कर सकता है तो शायद नतीजे उनके पक्ष में कुछ अलग नजर आएं। लेकिन सिर्फ आकर दूसरों में खामियां निकालना ये तो सही नहीं है।