- अभिषेक बच्चन ने शेयर किया पिता का किस्सा।
- अभिषेक बच्चन ने बताया कैसे पिता से छिपाते थे रिपोर्ट कार्ड।
- अमिताभ बच्चन ने बेटे को पैसे की सिखाई अहमियत
मुंबई. अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन दोनों ही अपनी-अपनी फिल्मों को लेकर सुर्खियों में हैं। अमिताभ फिल्म रनवे में नजर आने वाले हैं। वहीं अभिषेक बच्चन ‘दसवीं’ फिल्म को लेकर चर्चा में हैं। अभिषेक ने हाल ही में अपने पिता अमिताभ बच्चन के बारे में बात करते हुए बचपन के कुछ किस्सों को मीडिया के साथ शेयर किया। बात करते हुए वो अपनी पूराने दिनों को याद करने लगे और बाताया कि कैसे बिग बी से अपनी गल्तियों के लिए डांट सुननी पड़ी थी। आइए जानते हैं दोनों की बीच की कुछ दिलचस्प किस्से।
एक्टर ने बताया कि वो पढ़ाई के लिए स्विट्जरलैंड के बोर्डिंग स्कूल गए थे, और वह अक्सर अपने पिता से अपने नंबर छुपाया करते थे। अभिषेक ने बताया कि जब परीक्षा में उनके नंबर खराब आते थे तो वो अपने पिता की डांट से डरकर रिपोर्ट कार्ड नहीं देते थे। लेकिन एक अमिताभ बच्चन ने उनका रिपोर्ट कार्ड मंगवा लिया था। अभिषेक ने अपने रिजल्ट को छुपाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हुए।
पापा का आया फोन
अभिषेक ने कहा कि, 'मैंने डाकिये का इंतजार किया ताकि रिपोर्ड कार्ड मिलते ही मैं इसे छिपा दूंगा। मैं तब तक इसे छिपाकर रखूंगा जब तक वापस स्विट्जरलैंड नहीं चला जाता, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। एक दिन घर में पापा का फोन आया। उनके पास मेरा रिपोर्ट कार्ड था और वो उसे जोर से पढ़ रहे थे। और यहां मैं सोच रहा था कि उन्हें मेरा रिजल्ट कार्ड कैसे मिला? क्या उन्होंने डाकिये को रिशवत दी थी? या वो मुझसे पहले सुबह उठ गए थे?
पैसे कि सिखाई अहमियत
एक इंटरव्यू में एक्टर से पूछा गया कि जब उनके खराब ग्रेड आते थे तो उन्हें बिग बी से डांट पड़ती थी ? जिसपर एक्टर ने कहा कि डाट तो नहीं लगी लेकिन बैठ कर समझाया गया था कि देखो बेटा, हम इतना संघर्ष करके पैसा कमाते हैं, मेहनत करके पढ़ा-लिखा रहे हैं। इसका ये मतलब नहीं है कि तुम उधर मस्ती करो। तुम्हें जिम्मेदार बनना होगा, और अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने मुझपर कभी हाथ नहीं उठाया, ना ही ऊंची आवाज में बात की। इसकी कभी जरूरत भी नहीं पड़ी। वो बस आराम से बोलते थे और पूरे घर को समझ आ जाता था। लेकिन मां (जया बच्चन ) ने कई बार उन्हें पीटने की कोशिश की, लेकिन वो उनके हाथ नहीं आते थे, भाग जाते थे।