- शाहिद माल्या को बड़ा ब्रेक फिल्म 'मौसम' से मिला
- 10 साल के हार्ड वर्क ने बनाया बॉलीवुड सिंगर
- पिता के सपने को जी रहे हैं शाहिद माल्या
Singer Shahid Mallya Exclusive : शाहिद कपूर स्टारर फिल्म 'मौसम' का गाना रब्बा मैं तो मर गया ओय को लेकर लोगों की आज भी फरमाइश रहती है। इस खूबसूरत को गाने को बॉलीवुड सिंगर शाहिद माल्या ने अपनी आवाज में सजाया है। फिल्म का गाना इतना हिट साबित हुआ और शाहिद माल्या बॉलीवुड में बन गए प्लेबैक सिंगर। इसी फिल्म में शाहिद ने इक तू ही तू भी गीत भी गाया, जो उनके लिए एक बड़ा ब्रेक साबित हुआ। हालांकि, शाहिद माल्या ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरूआत फिल्म यमला पगला दिवाने में गुरबाणी के की थी। तो बॉलीवुड सिंगर शाहिद माल्या की जिंदगी के कुछ अनछुए पहलुओं के बारे में टाइम्स नाउ नवभारत ने खास बातचीत की।
अब तक के सफर को कैसे देखते हैं?
शाहिद अपने अब तक के बॉलीवुड के सफर से बेहद खुश हैं। शाहिद का कहना है कि सबकी जिंदगी में कुछ ना कुछ उतार चढ़ाव जरूर आते हैं। उनका कहना है कि कोरोना के समय में कुछ मुकाम हासिल करने के लिए हमने स्ट्रगल किया वो शायद हम कहीं ना कहीं भूल गए हैं। सबकी कामयाबी की कहानी होती है। कोरोना के कारण पिछले दो साल में जो हालात आए हैं, वो शायद किसी स्ट्रगल से कम नहीं है। संतुष्टी है कि अपने सपने को लेकर काम अभी भी जारी है और मम्मी-पापा भी खुश हैं।
म्यूजिक बैकग्राउंड फैमिली से आते हैं शाहिद माल्या
शाहिद माल्या म्यूजिक बैकग्राउंड फैमिली से आते हैं। हालांकि, बहुत काम लोग ये जानते हैं कि शाहिद माल्या का परिवार गुरू नानक देव जी के साथ रहे भाई मरदाना के वंश से ताल्लुक रखता हैं। खुद शाहिद माल्या ने ये बात बताई। उनके दादा जी किसान और पहलवान थे।
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...जब प्रोफैसर से शाहिद माल्या बन गए बॉलीवुड सिंगर
शाहिद माल्या के बारे में एक दिलचस्प बात ये भी है कि वह म्यूजिक का प्रोफैसर बनने गए थे लेकिन किस्मत ने रुख पलटा और आज वे एक शानदार बॉलीवुड सिंगर है। इस किस्से के बारे में बात करते हुए शाहिद ने बताया कि बंटवारे के समय उनके घर में दादा जी ने गाने को सीमित कर दिया। हालांकि, उनके पिता जी गाने को लेकर पैशनेट थे और वह रफी साहब को काफी सुना करते थे। उनके पिता जी हमेशा गाने को लेकर बातें करते कि इस दिशा में वह कुछ करना चाहते हैं।
अपनी बात को जारी रखते हुए शाहिद कहते हैं चूंकि उनके दादा जी ने म्यूजिक के अलावा कोई और काम करने को कहा था। शाहिद माल्या ने बताया वह खुद भी म्यूजिक से प्रभावित थे। कहीं ना कहीं उनके पापा का बातें भी उनके जहन में आ जातीं। तो उन्होंने म्यूजिक का प्रोफैसर बनने के बारे में सोचा, जिससे वह काम भी कर सकेंगे और अपने पैशन को भी जी सकेंगे।
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पापा के सपने हमेशा फॉलो किया
शाहिद माल्या बताया कि उनके पापा बहुत कुछ करना चाहते थे। उनके पापा खुद म्युजिक के प्रोफैसर थे। 70 के दशक में उनके पापा ने स्ट्रगल शुरू किया। लेकिन 90 के दशक में उनके पापा के साथ हुई दुर्घटना ने उनके जीवन का रुख मोड़ दिया। शाहिद ने बताया कि वास्तव में उनके पापा का सपना उनको फॉलो कर रहा था। टर्निंग प्वाइंट उस वक्त आया जब शाहिद माल्या ने मन बनाया कि वह अपने पापा के सपने को पूरा करने की ठान ली।
10 साल की मेहनत आखिरकार रंग लाई
शाहिद माल्या अपने बीते दिनों को याद करके कहते हैं कि उन्होंने मन बना लिया था कि इस सपने को पूरा करेंगे। जिसके बाद वह पूरी फैमिली के साथ बॉम्बे आए और 10 साल तक खूब मेहनत की। उस हार्ड वर्क का नतीजा ये निकला की शाहिद माल्या को मौसम में बड़ा ब्रेक मिला और उनके लिए मील का पत्थर साबित हुआ। शाहिद का कहना है कि वह असल में अपने पापा की लाइफ जी रहे हैं। (हंसते हुए)
पंजाब से ताल्लुक रखते हैं शाहिद माल्या
शाहिद माल्या के पंजाब के फिरोजपुर से ताल्लुक रखते हैं। चूंकि उनके दादा जी यहीं से हैं। उनका ननिहाल राजस्थान के श्री गंगानगर में हैं। शाहिद कहते हैं कि श्री गंगानगर को ज्यादा मिस करते हैं। उनका कॉलेज वहीं से हुआ है। हालांकि, शाहिद माल्या ज्यादातर मुंबई में रहते हैं।
लिरिसिस्ट कुमार और शाहिद माल्या का एक-दूसरे किया वो वायदा
शाहिद माल्या और बॉलीवुड के गीतकार कुमार बेहद अच्छे दोस्त हैं। दोनों ने ही एक-दूसरे से वायदा किया। शाहिद माल्या उन दिनों को याद करके कहते हैं कि कुमार ने उनके कहा था- अगर मुझे पहले ब्रेक मिला तो पहले मैं तुम्हें खींच लूंगा और अगर तुम्हें ब्रेक मिला तो मुझे खींच लेना। शाहिद ने बताया कि उस दौर में कुमार और मैंने काफी हार्ड वर्क किया। लेकिन हमने प्रोफैशन नहीं बदला। शाहिद माल्या मौसम के बड़े ब्रेक के लिए कुमार को धन्यवाद भी कहते हैं।
आसमान के सितारों सी है स्टारडम
शाहिद कहते हैं कि अभी उनके स्टारडम का वक्त नहीं आया है। वह अपना काम कर रहे हैं। लोग उनको दुआएं दे रहे हैं। शाहिद कहते हैं कि हम सिर्फ जर्रे की तरह है स्टारडम आसमान के सितारों की तरह है स्टारडम। शाहिद आगे कहते हैं कि एक समय था जब वो रेडियो और टीवी में गाने सुनते थे तो वो सोचते थे कि जब उनका गाना चलेगा तो कैसा फील होगा। आज जब मेरे गाने चलते हैं, तो उन्हें खुद भी विश्वास नहीं होता है लोग उनके गाने सुनते हैं।
शाहिद माल्या का वो गोल्डन मोमेंट
शाहिद कहते हैं 'मौसम' फिल्म के प्रीमियर में वह अनिल कपूर और सोनम कपूर के साथ हाथ पकड़ कर चल रहे थे। प्रीमियर के दौरान पूरी फिल्म इंडस्ट्री मौजूद थी। चारों थिएटर्स में एक ही फिल्म थी। शाहिद बताते हैं कि जब फिल्म में उनका गाना रब्बा चला तो वो इतने खुश हुए कि खुशी के कारण उन्हें एंजाइटी हो गई। शाहिद माल्या ने आगे बताया कि वह चुपके से थिएटर्स से निकले और टैक्सी लेकर वह डॉक्टर के पास पहुंच गए। हॉस्पिटल पहुंटने पर उन्हें नींद की दवा दी गई। शाहिद थिएटर में हैं या नहीं, इसके बारे में कोई नहीं जानता था। ये एक और दिलचस्प किस्सा है जो शायद कोई नहीं जानता।
इमोशन्स को बाहर लाना बेहद जरूरी
शाहिद माल्या का मानना है कि परिस्थिती कोई भी किसी भी शख्स को अपनी भावनाएं यानी इमोशन्स को दबाकर नहीं रखना चाहिए। उसे बाहर आने देना चाहिए जिससे वो हल्का महसूस करेगा। हम खुद को रिज़र्व रखने के कारण खुद का नुकसान कर रहे हैं तो बेहतर है कि आप अपने इमोशंस को बाहर लाएं।
जल्द ही सिंगल्स लाने वाले हैं शाहिद माल्या
बॉलीवुड के इस दौर में कआ सिंगर्स अब सिंगल ट्रैक का रुख कर रहे हैं। शाहिद माल्या का कहना है कि उन्होंने अपने कई सिंगल गानों को तैयार कर लिया और ज्लद ही वह इन्हें फ्लोर पर लाने वाले हैं।
शाहिद माल्या के कई गानें जल्द ही आने वाले हैं। कोरोना महामारी के कारण कई प्रोजेक्टस में देरी हुई। शाहिद कहते हैं वह गाना चाहते और अच्छा गाना चाहते हैं। इसके साथ ही, शाहिद ने ये भी कहा कि कामयाब होना है तो खुद को थोड़ा समय दें। थोड़ा ठहरें, धीमे चलें और मेहनत करते रहिए। क्योंकि सफलता की कोई चिप नहीं है, जिससे आप तुरंत सफलता का स्वाद चख सकते हों।