लाइव टीवी

मदर इंड‍िया का सूदखोर लाला याद है आपको ? जानें कैसे पान खाने की आदत ने कन्‍हैयालाल को अदाकार बना द‍िया

मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Nov 18, 2021 | 06:04 IST

kanhaiya lal biography (Lala of Mother India movie) : क्‍या आपको मदर इंड‍िया फ‍िल्‍म का पान चबाने वाला सूदखोर लाला याद है ! जानें इस रोल को जीवंत बनाने वाले कन्‍हैयालाल के बारे में और क्‍यों स‍िने प्रेमी उन्‍हें कभी भूल नहीं सकते हैं।

Loading ...
मदर इंड‍िया में नरग‍िस के साथ कन्‍हैया लाल
मुख्य बातें
  • कन्हैया लाल जी का जन्म 10 दिसंबर 1910 को वाराणासी के एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
  • पिता के देहांत के बाद कन्हैया की जिंदगी में टूटा था दुखों का पहाड़, पैसे कमाने के लिए किया था ये काम।
  • महबूब खान द्वारा निर्देशित फिल्म औरत ने बदल दी थी कन्हैया लाल की जिंदगी, इस फिल्म से मिली थी खासा पहचान।

Kanhaiya Lal actor movies : हाथी घोड़ा पाल की जय कन्हैया लाल की, हम पांच फिल्म के इस दृश्य से तो आप सब वाकिफ होंगे। जब फिल्म में पांचों एक्टर एक बूढ़े व्यक्ति को उठाकर मस्ती करते हैं। ये कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड के वर्सेटाइल एक्टर कन्हैलाल चतुर्वेदी जी हैं। कन्हैया लाल अपने गंवई स्टाइल को लेकर काफी मशहूर हुए थे, एक तरह से वह कॉमिक आर्टिस्ट भी थे। हालांकि उनके इस स्टाइल को फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआती दिनों में पसंद नहीं किया जा रहा था। लेकिन दर्शकों का साथ मिलने के बाद अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हुए। उनका बचपन काफी संघर्षमय रहा। 

कन्हैया लाल जी का जन्म 10 दिसंबर 1910 को वाराणासी के एक हिंदू ब्राम्हण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम भैरव दत्त चौबे था, जो कि सनातन धर्म रामलीला मंडली के संचालक थे। उनके एक बड़े भाई और एक बड़ी बहन थी, बहन का नाम था कुंवर और भाई का नाम संकठा प्रसाद चतुर्वेदी था। कन्हैया लाल जी और उनके बड़े भाई एक्टिंग के बेहद शौकीन थे। यही वजह थी कि उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था, अक्सर वह कहा करते थे कि - किताबों में क्या रखा है बंदे अरे सबक ले जिंदगी का जिंदगी से।

काफी संघर्षमय रही जिंदगी

पिता के देहांत के बाद कन्हैया की जिंदगी में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। उन्होंने पैसो के लिए पहले पंसारी की दुकान खोली फिर किराने की दुकान खोली, लेकिन इससे इतनी आमदनी नहीं हो पाई कि वह घर का खर्चा चला सकें। इसलिए दोनों भाई फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई चल पड़े। कन्हैया लाल जी अक्सर कहा करते थे कि मेरा मकसद था सिर्फ पैसा कमाना। इसलिए मैंने फिल्मों में कभी छोटा और बड़ा रोल नहीं देखा, छोटे मोटे सभी रोल मैं कर लिया करता था। उन्होंने कई फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट का किरदार निभाया।

गंवई लहजा उन्हें बनाता था सबसे अलग

कन्हैया लाल जी पान खाने के काफी शौकीन थे, इतने शौकीन कि वह खाने से ज्यादा पान खाया करते थे। उनकी अदायगी में गंवई लहजे ने उन्हें सुपस्टार बना दिया था। उनके बोलने का लहजा दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर देता था, अपनी इस कला से वह दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हुए। शायद ही आपको पता होगा कि वह एक कवि और लेखक भी थे, उन्होंने कई फिल्मों में गाने भी लिखे थे।

इस फिल्म से मिली खास पहचान

साल 1940 में महबूब खान द्वारा निर्देशित फिल्म औरत से कन्हैया लाल जी एक नई पहचान मिली। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग को फिल्म समीक्षकों द्वारा खूब सराहा गया था। वहीं फिल्म रिलीज होने के ठीक 17 साल बाद यानि 1957 में फिल्म के रीमेक मदर इंडिया में एक बार फिर कन्हैया लाल जी नजर आए, इस फिल्म से उन्हें खासा पहचान मिली।

कन्हैया लाल जी ने दो शादियां की थी। पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने जामवंसी से शादी की। उनके तीन बेटे और चार बेटियों हैं। वह आखरी बार हथकड़ी फिल्म में नजर आए, जो साल 1983 में उनके निधन के बाद रिलीज हुई। कन्हैया लाल जी आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी अदायगी आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।