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गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते समय भावुक हुए पीएम नरेंद्र मोदी, रितेश देशमुख ने कुछ यूं किया रिएक्ट

Updated Feb 09, 2021 | 16:11 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के चार सांसदों का कार्यकाल खत्म होने पर ऊपरी सदन को संबोधित किया। जिन सांसदों की विदाई हो रही है, उनमें गुलाम नबी आजाद भी हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रितेख देशमुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस लीडर गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए भावुक हो गए। गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म हो रहा है और उनकी विदाई के मौके पर पीएम ने ऊपरी सदन को संबोधित किया। मोदी ने उन्हें एक बेहतरीन मित्र बताते हुए कहा, 'सदन के अगले नेता प्रतिपक्ष को आजाद द्वारा स्थापित मानकों को पूरा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। आजाद ने अपने दल की चिंता जिस तरह की, उसी तरह उन्होंने सदन की और देश की भी चिंता की।' भाषण में पीएम के भावुक होने पर बॉलीवुड एक्टर रितेश देशमुख ने रिएक्ट किया है। 

'मैं मोदी जी के भाषण से बहुत प्रभावित हुआ'

रितेश देशमुख,  गुलाम नबी आजाद की विदाई पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से बहुत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने इसपर अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा। रितेश ने ट्वीट किया, 'गुलाम नबी आजाद साहब की राज्यसभा में विदाई पर पीएम नरेंद्र मोदी जी के भाषण से मैं बहुत ही प्रभावित हुआ।'  रितेश का पीएम को लेकर किया गया यह ट्वीट जमकर वायरल हो रहा है। यूजर्स इसपर जमकर रिएक्शन दे रहे हैं और कमेंट कर रहे हैं। बता दें कि दोनों सदनों में आजाद के लंबे कार्यकाल का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सौम्यता, विनम्रता और देश के लिए कुछ कर गुजरने की कामना प्रशंसनीय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद की यह प्रतिबद्धता उन्हें आगे भी चैन से नहीं बैठने देगी और उनके अनुभवों से देश लाभान्वित होता रहेगा।
 

प्रधानमंत्री यह वाकया याद कर हुए भावुक 

प्रधानमंत्री ने बताया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे। इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे। मोदी ने कहा, 'तब सबसे पहले, गुलाम नबी आजाद ने फोन कर उन्हें सूचना दी और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। मैंने तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी से पर्यटकों के पार्थिव शरीर लाने के लिए सेना का हवाई जहाज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। रात को पुन: आजाद ने फोन किया। यह फोन उन्होंने हवाईअड्डे से किया और उनकी चिंता उसी तरह थी जिस तरह लोग अपने परिवार की चिंता करते हैं।' यह बोलते हुए प्रधानमंत्री का गला रुंध गया।
 

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