- हाल ही में रिलीज हुई है विद्या बालन की फिल्म शेरनी, फैंस के साथ क्रिटिक्स ने भी की है तारीफ।
- कई बार सेक्सिज्म का शिकार रहीं हैं विद्या, करियर के शुरुआती दिनों में सुनने पड़े थे भद्दे कमेंट्स।
केरल में जन्मीं बॉलीवुड अदाकारा विद्या बालन आज अपनी फिल्मों से करोड़ों लोगों को प्रेरित करती हैं। दुनिया में उनके अभिनय और अदायगी की चर्चा होती रहती है। वह बॉलीवुड में उन किरदारों को करना पसंद करती हैं जो लोगों में किसी चीज को लेकर सकारात्मक बदलाव लाएं। अगर उनके करियर के शुरुआती दिनों की बात करें तो उनके लिए वह आसान नहीं था क्योंकि उनके हाथ कई बार निराशा लगी थी।
एक बार तो किसी फिल्म निर्देशक ने उन्हें अपशगुन तक कह दिया था। अपने पैर पीछे खींचने की जगह उन्होंने अपना हाथ-पैर मारना शुरु कर दिया। इस वजह से उनको कई टीवी कमर्शियल ऐड और सीरियल में काम करने का मौका मिला था। उनके जिंदगी में बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने फिल्म परीणीता की थी। उनकी किस्मत फिल्म परिणीता से चमकी जिसे काफी पसंद किया गया था। आज वह बॉलीवुड में उन किरदारों को ज्यादा अपनाती हैं जो लोगों की मानसिकता को प्रभावित करते हैं।
हाल ही में वह 'शेरनी' में नजर आई हैं, जिनके किरदार को क्रिटिक्स ने भी काफी सराहा है। विद्या जिन किरदारों को निभाती हैं वह उनके असल जिंदगी से ताल्लुक रखते हैं, शेरनी में जैसा उनका किरदार है ठीक वैसे ही विद्या अपने असल जिंदगी में रह चुकि हैं। देखा जाए तो विद्या बालन ने अपने किरदार को रियल लाइफ में जिया है। वह कई बार बॉलीवुड में सेक्सिज्म के ऊपर बात कर चुकि हैं। हाल ही में लिंगभेद के ऊपर बात करते हुए विद्या बालन ने बताया कि वह कई बार पुरुषों, महिलाओं और खुद से लिंदभेद का शिकार बन चुकी हैं।
जब सेक्सिज्म का शिकार हुईं
इंटरव्यू के दौरान, अपनी दास्तां बताते हुए विद्या ने बताया कि उनके अनुसार लिंगभेद का अर्थ सिर्फ पुरुषों द्वारा महिलाओं के साथ किया गया गलत व्यवहार ही नहीं होता है बल्कि लिंगभेद उसे भी कहते हैं जो महिलाएं अपने लिए विचार रखती हैं। इसी बीच उन्होंने बताया कि पुरुषों और अन्य महिलाओं के साथ वह खुद से भी लिंगभेद का शिकार हुई हैं। कई बार महिला होने के नाते उन्होंने खुद को औरों से कम आंका है।
लिंगभेद के खिलाफ करती हैं प्रेरित
विद्या ने बताया कि अब वह इस परिस्थिति से उभरना जान चुकि हैं और खुद को औरत होने के वजह से कभी कम नहीं आंकती हैं। वेब सीरीज शेरनी में भी उनका किरदार इसी समस्या पर आधारित है। विद्या ने बताया कि वह दर्शकों के लिए फिल्में बनाती हैं, जितने ज्यादा लोग उनकी फिल्मों को देखते हैं उतनी ज्यादा खुशी उन्हें मिलती है।
वह उन कहानियों और किरदारों को चुनती हैं जो वह दर्शकों को दिखाना चाहती हैं और जो दर्शकों को देखना पसंद है। आपको बता दें, विद्या बालन द डर्टी पिक्चर, कहानी, शकुंतला देवी, मिशन मंगल, तुम्हारी सुलू और बेगम जान जैसी कई फिल्में कर चुकी हैं।