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सिंगर बनने की चाहत में छोड़ दिया था घर-बार, फ‍िर Little Richard ने सात दशक तक क‍िया म्‍यूजिक इंडस्‍ट्री पर राज

Updated Jun 26, 2020 | 08:46 IST

Hollywood singer Little Richard :अमेरीकी सिंगर लिटिल रिचर्ड अपने अनोखे अंदाज और सिंगिंग से अमेरिका ही नहीं वल्ड में भी अपनी अलग पहचान बना चुके थे। उनका यहां तक पहुंचने का सफर हालांकि आसान नहीं था।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
Hollywood singer Little Richard, हॉलीवुड सिंगर लिटिल रिचर्ड
मुख्य बातें
  • हॉलीवुड सिंगर लिटिल रिचर्ड की बोन कैंसर से हुई मौत
  • वे अपनी खास स्टाइल, फैशन और प्यानो बजाने के लिए जाने जाते थे
  • 87 वर्षीय लिटिल रिचर्ड को दो बार हार्ट अटैक भी आ चुका था

 कहते हैं क‍ि अगर द‍िल की सुनो तो राहें अपनेआप खुलने लगती हैं। ऐसा ही कुछ अमेरिकी सिंगर लिटिल रिचर्ड के साथ भी था। 9 मई को बोन कैंसर से वह ज‍िंदगी की जंग हारे थे लेक‍िन उनकी ज‍िंदगी के बारे में जो सुनता है, वो एक बार फ‍िर सपनों की ताकत पर भरोसा करने लगता है। 87 साल की उम्र में भी उनकी जिंदादिली को देख उनके फैंस उनसे प्रभावित होते थे।

अमेरिका के टुल्लाहोमा रह रहे लिटिल रिचर्ड का म्यूजिक की दुनिया में अपनी जगह बनाना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने संघर्ष और अपनी प्रतिभा से जो जगह पाई वह बेहद मुश्किलों भरी रही है। वह बचपन से ही कुछ अलग करने का सपना रखते थे।

1932 में लिटिल रिचर्ड का जन्म जॉर्जिया में हुआ था। रिचर्ड जब म्यूजिक की दुनिया में आए तब उन्होंने अपना नाम लिटिल रिचर्ड रखा था। पहले उनका नाम रिचर्ड पेन्निमन था। रिचर्ड ने अपने म्यूजिक पैशन को पूराकरने के लिए अपने घर तक को छोड़ दिया था। लिटिल रिचर्ड के फादर धर्म गुरू थे और उनके चार भाई बहन थे। वह शुरू से अपने भाई-बहनों से अलग दिखने और अलग सपने को पूरा करना चाहते थे।

लिटिल रिचर्ड के फादर उनके म्यूजिक के पैशन को बिलकुल पसंद नहीं करते थे और यही कारण था कि वह लिटिल रिचर्ड को अपने पैशन को पूरा करने के लिए छोटी उम्र में घर छोड़ना पड़ा। लिटिल रिचर्ड का का नशा 1940 में के दशक में अमेरिकन पर छाना शुरू हुआ था।

लिटिल रिचर्ड अपने करियर के शुरुआत में छोटी-छोटी रिकार्डिंग करके अपने को स्थापति कर रहे थे लेकिन 1955 में उनका टूटी-फ्रूटी, लॉग टॉल सैली और गुड कोली मिस मोली के रिलीज होते ही वह रातों रात स्टार बन गए। केवल अमेरिका ही नहीं इस सॉग को दुनिया भर में इतना सराहा गया कि इसकी करीब तीन करोड़ से ज्यादा प्रतियां वल्ड में बिक गईं थीं। 1986 में रिचर्ड ने रॉक एंड रोल हॉल ऑफ फेम में एंट्री की थी।

बता दें कि लिटिल रिचर्ड लंबे समय से अपनी बीमारी से जूझ रहे थे लेकिन वह अपने प्यानो बजाने के शौक से खुद को जिंदादिल बनाए हुए थे और खास बात ये है कि उनके प्यानों के दीवाने भी कम नहीं थे। लिटिल रिचर्ड का दो बार अटैक भी आ चुका था। रिचर्ड अपने फैशन ट्रेंड के लिए भी खूब फेमस थे।

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