- आर्मी अफसर अर्जुन शेरगिल (जॉन अब्राहम) की कहानी है अटैक
- इस फिल्म की घोषणा कोरोना काल से पहले हुई थी लेकिन कोविड के चलते इसकी रिलीज में देरी हुई
- माना जा रहा है कि ये फिल्म रिलीज के पहले ही दिन करीब पांच करोड़ रुपये की ओपनिंग दे सकती है
Attack Movie Review in Hindi: बॉलीवुड के एक्शन हीरो में लिस्ट में गिने जाने वाले अभिनेता जॉन अब्राहम की फिल्म अटैक एक अप्रैल को रिलीज हो चुकी है। फिल्म की एडवांस बुकिंग भी अच्छी खुली है। माना जा रहा है कि ये फिल्म रिलीज के पहले ही दिन करीब पांच करोड़ रुपये की ओपनिंग दे सकती है। लक्ष्य राज आनंद के निर्देशन में बनी इस फिल्म में जैक्लीन फर्नांडिस और रकुल प्रीत सिंह लीड रोल में हैं। इस फिल्म की घोषणा कोरोना काल से पहले हुई थी लेकिन कोविड के चलते इसकी रिलीज में देरी हुई।
ऐसी है कहानी
आतंकवादियों के ठिकाने पर इंडियन आर्मी स्ट्राइक करती है क्यों सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद भी दुश्मन मुल्क बाज नहीं आया। अब मुंह तोड़ जवाब देने का नहीं मुंह तोड़ देने का समय है...। आर्मी अफसर अर्जुन शेरगिल (जॉन अब्राहम) खूंखार आतंकवादी को पकड़ लेता है। वह मिशन के बाद घर आता है तो वह एयर होस्टस आयशा (जैकलीन फर्नांडिस) से मिलता है। दोनों को पहली नजर का प्यार हो जाता है और बात शादी तक पहुंचने वाली होती है। तभी एयरपोर्ट पर आतंकवादी हमला होता है। इस अटैक में अर्जुन का प्यार उससे बिछड़ जाता है उसका शरीर भी गर्दन के नीचे से बेकार हो चुका
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कैप्टन अमेरिका की याद
आरडीओ ((फिल्म में DRDO का नाम न लेकर सांकेतिक नाम दिया गया) की साइंटिस्ट जिया (रकुल प्रीत सिंह) ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस रोबोट बनाया है जो एक चिप की शक्ल में है। इस आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस चिप की मदद से अर्जुन को वैज्ञानिक सुपर सोल्जर बनाते हैं। इस तरह सेना के एक अफसर ने एक वैज्ञानिक के साथ मिलकर उसे जीवनदान दिया। यहां फिल्म कैप्टन अमेरिका की याद दिलाती है। मार्वल की फिल्म कैप्टन अमेरिका में भी स्टीव रॉजर्स को तकनीक के जरिए एक सुपर सोल्जर बनाया गया था। जॉन की एआई असिस्टेंट का नाम ‘इरा’ है और उसका मुकाबला दुनिया के सबसे बड़े आतंकी सरगना से होता है, जो भारत की संसद पर अटैक करते हैं और देश के प्रधानमंत्री समेत 300 से ज्यादा सांसदों को हॉस्टेज बना लेते हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से देश को आतंकियों से बचाया जाता है।
लेखन और निर्देशन
फिल्म में वीएफएक्स का काफी इस्तेमाल किया गया है। ऐसे में ये फिल्म एक विजुअल ट्रीट है। बीएफएक्स की मदद से सीन्स को प्रभावशाली बनाया गया है। निर्देशक लक्ष्य राज आनंद सलमान खान की 'एक था टाइगर' और ऋतिक रोशन की 'बैंग बैंग' जैसी बड़ी एक्शन फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर रहे हैं और उनका वह अनुभव अटैक में साफ नजर आता है। एक निर्देशक के तौर पर वह अटैक में सफल साबित हो गए हैं। 'लव शव ते चिकन खुराना' जैसी फिल्म लिखने वाले सुमित बथेजा और 'छोरी' फेम राइटर विशाल कपूर ने अटैक की कहानी लिखी है। दोनों ने संवेदनशील विषय पर बनी इस फिल्म में ऐसे सीन्स डाले हैं जो ठहाके लगवाते हैं। इरा के हर एक डायलॉग दर्शकों को हंसने पर मजबूर करते हैं। चुंकि फिल्म साइंटिफिक मिजाज की है इसलिए साइंटिफिक टैंप्रामेंट और बेहतर हो सकता था। फिल्म में बेवजह रोमांस भी खलता है।
क्यों देखें
फिल्म में जॉन अब्राहम, रकुल प्रीत सिंह, प्रकाश राज, रत्ना शाह पाठक, किरण कुमार और जैकलीन ने बेहतरीन काम किया है। सभी ने अपने हिस्से आए सीन्स को बखूबी पर्दे पर उतारा है। फिल्म का सरप्राइज हैं जैकलीन फर्नांडीज, जिन्होंने पहली बार अपने अभिनय को इतनी सहजता से परदे पर पेश किया। फिल्म का संगीत कमजोर है, अगर उस पर काम होता तो गाने जुबां पर चढ़ जाते। फिर भी अटैक एक ऐसी फिल्म है जिसे देखा जा सकता है। फिल्म आपको बोर नहीं करेगी।