CUTTPUTLLI REVIEW in Hindi, CUTTPUTLLI REVIEW Akshay Kumar Movie: अक्षय कुमार स्टारर कटपुतली एक थ्रिलर फिल्म हैं जो कसौली की खूबसूरत वादियों के एक साइको सीरियल किलर और उसको पकड़ने की तलाश में जुटे पुलिसवाले की कहानी सुनाती है।
हर थ्रिलर की कहानी की तरह कटपुतली की कहानी भी रहस्यमय तरीके से हो रहे मर्डर के साथ शुरू होती है। कसौली में हो रही मासूम किशोर लड़कियों की भीषण हत्याओं से लोग दहले हुए हैं। शांत शहर कसौली की स्थानीय पुलिस के पास इस तरह के अपराधों को सुलझाने के लिए कोई अनुभव नहीं है। ऐसे में कहानी में एंट्री होती है अर्जन सेठी की जो कि एक स्ट्रगलिंग निर्देशक है और अपनी कहानी के लिए सीरियल किलर्स से जुड़ी घटनाओं की स्टडी कर रहा है। अब ये बात और है कि उसकी कहानी को सुनने और पढ़ने वाला कोई है ही नहीं।
यह सब देखते हुए वह कसौली पुलिस के साथ एक जूनियर स्तर की नौकरी ले लेता है, जो ये मानने को तैयार ही नहीं हैं कि उनके शहर में एक सीरियल किलर छिपा हो सकता है। इसके बाद अर्जन अब हत्यारे की तलाश शुरू करता है।
निर्देशक रंजीत तिवारी और उनके लेखक असीम अरोरा ने कहानी का ताना बाना ऐसे बुना है कि आप घटनाओं को अपने आसपास होता हुआ महसूस करते हैं। बता दें कि फिल्म की कहानी 1964 से 1985 के बीच हुई सीरियल किलिंग्स पर आधारित है। ये घटनाएं रुस में हुई थीं। इसी के साथ आपको ये भी स्पष्ट होता है कि फिल्म का नाम कटपुतली क्यों रखा गया है।
किसी भी थ्रिलर की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वो पहले सीन से दर्शकों को कितना बांध सकती है। ऐसे में कटपुतली को एक सफल थ्रिलर कहा जा सकता है। हालांकि कई बार लगता है कि यहां लेखन को और प्रभावी बनाया जा सकता था क्योंकि इससे उसके अगले कदम का अंदाजा लग रहा था। लेकिन यही बात शायद दर्शकों को फिल्म के साथ बांधती भी है। अपनी सीनियर्स को अपनी बात का यकीन दिलाने की अक्षय कुमार की स्ट्रगल भी असल लगती है और अभिनेता ने 36 साल के बैचलर की भूमिका को निभाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है।
Cuttputlli Official Trailer
फिल्म का एक बेहतरीन पार्ट अक्षय कुमार का दोबारा वर्दी में दिखना है लेकिन इस बार वह अग्रेसिव वहीं बल्कि संयमित भूमिका में नजर आ रहे हैं। रकुल प्रीत सिंह ने एक स्कूल टीचर की साधारण भूमिका में भी प्रभावित किया है। भूमिका के सीमित होने के बावजूद उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है। सरगुन मेहता ने एक सख्त बात करने वाली पुलिस अधिकारी की भूमिका में दर्शकों पर अच्छा प्रभाव छोड़ा है। वहीं चंद्रचूड़ सिंह को अर्जन के बुद्धिमान बहनोई के रूप में कास्ट करना डायरेक्टर की समझदारी दिखाता है।
एक क्राइम थ्रिलर को दर्शकों को इंप्रेस करने के लिए एक शानदार बैकग्राउंड स्कोर भी चाहिए होता है जो कहानी में हस्तक्षेप किए बिना तनाव को बढ़ाता है। 'कटपुतली' उस विभाग में अच्छी फिल्म साबित हुई है। एक्शन अच्छा है और सबसे अच्छी बात ये है कि फिल्म में मर्डर दिखाए जाने के बावजूद खून आदि ज्यादा नहीं दिखाया गया है।