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Laxmii Movie Review : लाल साड़ी में अक्षय कुमार कर गए कमाल, क्‍या थ‍िएटर्स में म‍िलती 'लक्ष्‍मी कृपा'

मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Nov 09, 2020 | 22:59 IST
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Laxmii Movie Review in Hindi : कोरोना के दौर में क‍िसी बड़े स‍ितारे की नई फ‍िल्‍म काफी समय बाद आई है। अक्षय की इस फ‍िल्‍म को हालांक‍ि शुरुआत से बॉक्‍स ऑफ‍िस पर धमाका करने वाली माना जा रहा था। तो कैसी है मूवी ?

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Laxmii Movie Review
मुख्य बातें
  • कंचना का रीमेक है अक्षय कुमार की ये फ‍िल्‍म
  • राघव लारेंस ने क‍िया है निर्देशन
  • कोरोना की वजह से द‍िवाली के मौके पर ओटीटी प्‍लेटफॉर्म पर हुई है र‍िलीज

अक्षय कुमार की हॉरर कॉमेडी फिल्म लक्ष्मी 9 नवंबर को डिज्‍नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो गई है। इस फिल्म में अक्षय कुमार पहली बार किसी किन्नर का किरदार निभा रहे हैं और उनके साथ गुड न्‍यूज कोस्‍टार साथ कियारा आडवाणी मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म साल 2011 में आई तमिल फिल्म कंचना की रीमेक है। इस फिल्म के निर्देशक और लेखक राघव लॉरेंस हैं। ओरिजिनल फिल्म कंचना में राघव लॉरेंस ने मुख्य भूमिका निभाई थी। 

र‍िलीज और कंट्रोवर्सी (Laxmii Release and Controversy)
अक्षय कुमार की इस फ‍िल्‍म को पहले 22 मई 2020 को र‍िलीज होना था। इसकी टक्‍कर सलमान खान की राधे - योर मोस्‍ट वॉन्‍टेड भाई से होनी थी। हालांक‍ि कोरोना की वजह से फ‍िल्‍म टल गई। 

वहीं फिल्म का नाम पहले लक्ष्मी बॉम्‍ब था जिस पर आपत्ति उठी तो नाम बदलकर लक्ष्मी कर दिया गया। दर्शकों के बीच इस फिल्म को लेकर काफी उत्साह है क्योंकि उन्होंने अक्षय कुमार को इससे पहले कभी भी ऐसे किरदार में नहीं देखा है। 

Laxmii Movie story 
फ‍िल्‍म में रश्‍म‍ि यानी क‍ियारा आडवाणी की शादी आस‍िफ यानी अक्षय कुमार से होती है। रश्‍म‍ि से दोबारा र‍िश्‍ता जोड़ने के ल‍िए उसकी मां अपनी शादी की 25वीं सालगिरह पर उसे बुलाती है। इसी बीच कुछ ऐसा होता है क‍ि अक्षय पर एक क‍िन्‍नर - लक्ष्‍मी  की आत्‍मा का साया पड़ जाता है। 

Laxmii Movie Review 
अक्षय कुमार ने कई ऐसी कॉमेडी फ‍िल्‍में दी हैं ज‍िनको आप कई बार देख सकते हैं। लेक‍िन लक्ष्‍मी उनमें से ब‍िल्‍कुल नहीं है। अगर आप एक बार भी फ‍िल्‍म को देख गए तो इसका बस यही मतलब है क‍ि आप अक्षय कुमार के जबरा फैन हैं। और अगर कंचना देखी है तो लक्ष्‍मी आपको आसानी से हजम नहीं होगी। 

हालांक‍ि दोनों फ‍िल्‍म की कहानी लगभग एक जैसी है। लेक‍िन अडैप्‍शन बहुत कमजोर है। कंचना जहां आपको लगातार बांधे रखती है वहीं लक्ष्‍मी की स्‍क्र‍िप्‍ट बेहद कमजोर है। ये भूलभुलैया के करीब भी नहीं है। क‍िसी भी कॉमेडी फ‍िल्‍म की जान उसके वन लाइनर होते हैं जो अक्षय कुमार और राघव लॉरेंस की फ‍िल्‍म से गायब हैं। अक्षय के लाल साड़ी बांधने के सीन और बमभोले गाने को अगर छोड़ द‍िया जाए तो फ‍िल्‍म निर्देशन, अभ‍िनय, डायलॉग - हर फ्रंट पर न‍िराश करती है। 

फ‍िल्‍म का पहला एक घंटा तो उन क‍िरदारों को द‍िखाने में ही न‍िकल जाता है जो अपने रोल में सहज ही नहीं हो पा रहे हैं। फरहाद सामजी को मसाला फ‍िल्‍मों का खासा अनुभव है लेक‍िन उन्‍होंने इस बात पर ध्यान नहीं द‍िया क‍ि क‍ियारा के पेरेंट्स शादी 25वीं सालग‍िरह मना रहे हैं लेक‍िन उसके भाई दीपक (मनु ऋष‍ि चड्ढा) की उम्र 35 से ज्‍यादा क्‍यों द‍िखती है। 

अक्षय कुमार ने फ‍िल्‍म के ल‍िए मेहनत की है और आत्‍मा के प्रभाव वाले सीन में वह जमे हैं। लेक‍िन बाकी के ह‍िस्‍से में वह पैडमैन, टॉयलेट एक प्रेम कथा जैसी फ‍िल्‍मों में अपने काम को दोहराते ही द‍िखे हैं। क‍ियारा आडवाणी की फैशन स्‍टेटमेंट और स्‍माइल अच्‍छी है। क‍ियारा के पापा के रोल में राजेश शर्मा ओके हैं जबक‍ि उनके पास इंप्रेस‍िव होने का पूरा स्‍कोप था। आयशा रजा म‍िश्रा और अश्‍व‍िनी कल्‍सेकर - सास बहू की जोड़ी में ठीक हैं। लेक‍िन दोनों का डर वो स‍िहरन और कॉमेडी नहीं लाता, जो कंचना में सास बहू की जोड़ी में नजर आई थी। हां, शरद केलकर कुछ म‍िनट के रोल में इंप्रेस‍िव हैं। उनका रोल बढ़ा द‍िया जाता तो शायद फ‍िल्‍म थोड़ी प्रभावी हो जाती। 

राघव ने अपने डायरेक्‍शन से ढीली स्‍क्र‍िप्‍ट को कसने की कोश‍िश की है। लेक‍िन वो चीज महसूस होती है तो फ‍िल्‍म और कमजोर लगने लग जाती है। अमर मोह‍ले का बैकग्राउंड स्‍कोर न हॉरर लाता है और न कॉमेडी। बस ऐसा ही फ‍िल्‍म देखने के बाद महसूस होता है - एक्‍सप्रेशनलेस! 
 

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