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Raksha Bandhan Movie review: रिलीज हुई अक्षय कुमार की 'रक्षा बंधन', देखने से पहले जानें कैसी है फिल्म

Updated Aug 11, 2022 | 11:30 IST
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Raksha Bandhan Movie review in Hindi: भाई बहन के असीम प्रेम के प्रतीक पर्व रक्षा बंधन पर अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'रक्षा बंधन' रिलीज हो गई है। अगर आप इस फिल्म को देखने का मन बना रहे हैं तो जानें कैसी है ये फिल्म-

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Raksha Bandhan Movie review in Hindi
मुख्य बातें
  • अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'रक्षा बंधन' रिलीज हो गई है।
  • कोरोना के चलते इसकी शूटिंग में देरी हुई और रिलीज लगातार टलती गई।
  • अगर आप इस फिल्म को देखने का मन बना रहे हैं तो जानें कैसी है ये फिल्म।

Raksha Bandhan Movie review in Hindi: भाई बहन के असीम प्रेम के प्रतीक पर्व रक्षा बंधन पर अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'रक्षा बंधन' रिलीज हो गई है। इस फिल्म को सिनेमाघरों में पहुंचने में लंबा वक्त लगा। कोरोना के चलते इसकी शूटिंग में देरी हुई और रिलीज लगातार टलती गई। अब जब यह तय हुआ कि 11 अगस्त को यह सिनेमाघरों में पहुंच रही है तो इसे अक्षय कुमार के एक ट्वीट की वजह से भारी विरोध झेलना पड़ा। आनंद एल राय के निर्देशन में बनी इस फिल्म में भूमि पेडनेकर लीड रोल में हैं, वहीं अक्षय कुमार की बहनों के किरदार में शिकारा फिल्म की एक्ट्रेस सादिया खतीब, सहजमीन कौर (Sahejmeen Kaur), दीपिका खन्ना (Deepika Khanna) और स्मृति श्रीकांत (Smriti Srikant) निभा रही हैं।

ऐसी है कहानी 

एक भाई लाला केदारनाथ और उसकी चार बहनों पर केंद्रित है फिल्म रक्षा बंधन की कमाई। दिल्ली के चांदनी चौक में लाल केदारनाथ गोलगप्पे और चाट की दुकान लगाता है। चर्चा ऐसी है कि उसकी दुकान पर गोलगप्पे खाने पर महिला को बेटा होता है। उसने अपनी मरती हुई मां को वचन दिया था कि चारों बहनों की शादी के बाद खुश शादी करेगा। चारों बहनों की चाशादी और दहेज उनकी चिंता है। इसी बीच सबसे बड़ी बहन गायत्री (सादिया खातीब) की शादी तय हो जाती है। बहन को वह अच्छा दहेज देता है और धूमधाम से शादी करता है। बहनों की शादी के इस वचन की वजह से लाला का उसकी प्रेमिका से रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है। 

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परिवार और समाज के बीच उलझी कहानी है रक्षा बंधन जोकि केवल अक्षय कुमार को कंधों पर लेकर आगे बढ़ती है। कहानी काफी बोर करती है, नयापन तलाशने वालों को निराश करती है। कहानी इतनी ज्यादा मेलोड्रामैटिक लगती है कि स्टार प्लस का कोई सीरियल लगती है।राइटर कनिका ढिल्लन इस कहानी से खासा प्रभाव जमाने में फेल नजर आई हैं। अक्षय कुमार का कॉमिक अंदाज कहीं कहीं गुदगुदाता है लेकिन जैसी ही आप उससे ज्यादा की अपेक्षा करेंगे तो निराशा हाथ लगेगी। अक्षय के आगे भूमि और उनकी चारों बहनों का किरदार खो सा जाता है लेकिन चारों बहनों के रोल में अदाकाराओं ने अच्छा काम किया है।

फिल्म के गाने जरूर अच्छे हैं और कई जगह भावुक करते हैं। पर्दे पर भाई और बहनों के बीच फिल्माए गए सीन भी आंखें नम करते हैं। विदाई का दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला है। मेकर्स ने इस कहानी के बहाने भाई बहन के बीच के रिश्ते को भुनाने की कोशिश की है और केवल उसकी वजह से एक बार इसे देखा जा सकता है। 

 

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