- आर माधवन की फिल्म 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' लंबे इंतजार के बाद रिलीज हो चुकी है।
- आर माधवन ने खुद इस फिल्म का निर्देशन किया है और नांबी का रोल भी निभाया है।
- आर माधवन ने नांबी का ऐसा रोल किया है कि लगता है स्वयं नांबी ही स्क्रीन पर हैं।
Rocketry the Nambi Effect Movie Review in Hindi: बॉलीवुड में क्राइम, कॉमेडी, रोमांस जैसे-जैसे विषयों पर तमाम फिल्में बनती हैं लेकिन इन्हीं के बीच कोई एक ऐसी फिल्म बनती है जो झकझोर कर रख देती है और सोचने को मजबूर कर देती है। ऐसी है एक फिल्म आज दर्शकों के बीच पहुंची है। बॉलीवुड एक्टर आर माधवन की फिल्म 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' लंबे इंतजार के बाद रिलीज हो चुकी है, जिसकी चर्चा काफी दिनों से हो रही थी।
आर माधवन ने खुद इस फिल्म का निर्देशन किया है और उनके साथ साथ सिमरन, शाहरुख खान, रजित कपूर, गुलशन ग्रोवर, सैम मोहन, मीशा घोषाल जैसे सितारों ने इस फिल्म में अभिनय किया है। हर सितारे का अभिनय इतना संजीदा और प्रभावशाली है कि दर्शक स्क्रीन से अपनी नजरें एक पल के लिए भी नहीं हटा सके। फिल्म पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित रॉकेट वैज्ञानिक नंबी नारायणन की जिंदगी पर आधारित है।
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फिल्म ‘रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट’ भारत के एक श्रेष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक के साथ हुए अन्याय की कहानी है। कहानी की शुरुआत वहां से होती है जब नांबी नारायणन जवान थे और अपने हुनर के लिए पहचाने जाने लगे थे। वह प्रिंस्टन में पढ़कर नासा में नौकरी पाते हैं। इसके बाद कम वेतन के बावजूद इसरो में आ जाते हैं। विक्रम साराभाई उनकी प्रतिभा को पहचानते हैं और वे एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम करते दिखते हैं।
शाहरुख फिल्म में नांबी नारायणन का इंटरव्यू ले रहे हैं और इसी इंटरव्यू के बहाने ये पूरी फिल्म आगे बढ़ती है। कहानी आगे बताती है कि कैसे उन्होंने उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने वाला रॉकेट बनाया। उनके बनाए रॉकेट इंजन की बदौलत भारत दूसरे देशों का मोहताज नहीं रहा लेकिन उन पर देशद्रोही होने का दाग लगा, पुलिस की अमानवीय यातना सही और लोगों ने उनका तिरस्कार किया। नांबी नारायणन रॉकेट साइंस तकनीक बेचने के झूठे आरोप में गिरफ्तार हो जाते हैं और उन्हें यातनाएं दी जाती हैं। जेल के भीतर यातनाओं और सामाजिक तिरस्कार के सीन देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
आर माधवन ने नांबी का ऐसा रोल किया है कि लगता है स्वयं नांबी ही स्क्रीन पर हैं। फिल्म पूरी की पूरी माधवन के कंधों पर है। नांबी की पत्नी के रूप में सिमरन, उन्नी के रूप में सैम मोहन, साराभाई के रूप में रजित कपूर, कलाम के रूप में गुलशन ग्रोवर ने कमाल का काम किया है। आज के दौर में यह जरूर देखी जाने वाली फिल्म है। इस फिल्म ने साबित कर दिया कि माधवन जितने उम्दा अभिनेता हैं, उतने ही कमाल के निर्देशक भी हैं।