- बेहद दमदार है यामी गौतम की फिल्म अ थर्सडे।
- बेहतरीन अभिनय के लिए सुर्खियां बटोर रही हैं अदाकारा।
- सिस्टम पर जोरदार तमाचा है यह फिल्म।
Yami Gautam A Thursday Review In Hindi: बॉलीवुड अदाकारा यामी गौतम (Yami Gautam) अपनी फिल्म अ थर्सडे (A Thursday) को लेकर पिछले कुछ दिनों से सुर्खियां बटोर रही हैं। यामी गौतम की यह फिल्म एक क्राइम थ्रिलर और हाॅस्टेज ड्रामा है जिसने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। यामी गौतम की इस फिल्म की कहानी नैना जयसवाल पर शुरू होती है जो एक प्ले स्कूल में बतौर टीचर कार्यरत है। यामी गौतम ने इस फिल्म में नैना जयसवाल का किरदार निभाया है तो वहीं डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) देश की प्रधानमंत्री की भूमिका में नजर आ रही हैं। बेहजाद खंबाटा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में नेहा धूपिया (Neha Dhupia) और अतुल कुलकर्णी (Atul Kulkarni) को भी फीचर किया गया है जो कैथरिन और जावेद खान का किरदार निभा रहे हैं। यहां देखें इस फिल्म की कहानी क्या है? दर्शकों को लुभाने में यह फिल्म कितनी सफल हुई है? फिल्मोग्राफी और एक्टिंग कैसी है? और अंत में यह फिल्म देखनी चाहिए या नहीं? (A Thursday Movie Review)
क्या है फिल्म की कहानी? (A Thursday Film Story)
अ थर्सडे की कहानी (A Thursday Movie Story) स्कूल टीचर नैना जायसवाल के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में टर्निंग प्वाइंट तब आता है जब नैना जयसवाल छोटे-छोटे बच्चों को हॉस्टेज बना लेती है। जिसके बाद वह पुलिस को इस बारे में इन्फॉर्म करती है और धीरे-धीरे यह बात आग की तरह पूरे देश में फैल जाती है। नैना जयसवाल पुलिस के सामने एक-एक करके अपनी डिमांड रखना शुरु कर देती है। वह पुलिस से 5 करोड रुपए की मांग करती है और देश की प्रधानमंत्री से आमने-सामने बैठ कर बात करने का डिमांड रखती है। वह पुलिस को यह धमकी देती है कि अगर उसकी बात नहीं मानी गई तो वह बच्चों को मार भी देगी। आगे की कहानी जाने के लिए आपको फिल्म जरूर देखनी चाहिए।
एक्टिंग में कितना है दम? (A Thursday Review)
यामी गौतम इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाती हुई नजर आ रही हैं। वैसे तो अदाकारा को कई बॉलीवुड फिल्मों में अहम भूमिका निभाते हुए देखा गया है लेकिन इस फिल्म में उनकी एक्टिंग एक अलग ऊंचाई छू रही है। अदाकारा ने इस फिल्म में इमोशंस पर बहुत अच्छी तरह से पकड़ बना कर रखी। डिंपल कपाड़िया का अभिनय भी सराहनीय रहा। वहीं अतुल कुलकर्णी ने भी अच्छा काम किया। लेकिन नेहा धूपिया का किरदार लोगों को ज्यादा आकर्षित नहीं कर पाया। वह अपने एक्टिंग के बल पर अपने किरदार को अच्छी तरह से बांध नहीं पाईं।
कैसा था निर्देशन और फिल्मोग्राफी
फिल्म के डायरेक्टर बेहजाद खंबाटा ने दर्शकों को इस फिल्म से जोड़े रखने की काफी कोशिश की लेकिन कहीं-कहीं यह फिल्म दर्शकों पर प्रभाव डालने में असमर्थ रही जहां जरूरत थी। कुछ जगहों पर स्क्रिप्टिंग काफी हल्का महसूस हुआ। वहीं, अंत तक दर्शकों को इस फिल्म से बांधे रखने में निर्देशक चूक गए। बात करें बैकग्राउंड म्यूजिक की तो यह और अच्छे हो सकते थे। कैमरा मूवमेंट ने खास पलों को अच्छी तरह से कैप्चर किया जिसकी वजह से दर्शक इस फिल्म के मुख्य बिंदुओं को पकड़ने में सफल रहे।
क्या थी कमजोर कड़ी?
डिजनी हॉटस्टार पर यह स्ट्रीम हो रही है। इस क्राइम थ्रिलर फिल्म की शुरुआत तो अच्छी हुई जिसमें कई भावनात्मक उतार-चढ़ाव देखने को मिले। सस्पेंस के मामले में भी इस फिल्म ने अच्छा परफॉर्म किया और दर्शकों को अंत तक बांधे रखा। लेकिन कहीं-कहीं पर यह फिल्म फीकी लगने लगी। अंत के कुछ आधे घंटे पहले इस फिल्म के ज्यादातर तार खुल गए जिसकी वजह से आगे की कहानी बेमतलब सी हो गई लेकिन पूरा सस्पेंस देखने के लिए दर्शकों को अंत तक यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए।
क्या है यामी गौतम के इस फिल्म में खास बात?
यामी गौतम की फिल्म में भले ही कुछ कमजोर कड़ियां आईं लेकिन इस फिल्म में कुछ खास बातें जरूर हैं जिन्हें दर्शकों को जरूर जानना चाहिए। इस फिल्म का अहम मुद्दा रेप था जो आज के समाज के लिए बहुत बड़ी समस्या है। इस फिल्म में कुछ जगहों पर रेप से जुड़े आंकड़ों को दिखाया गया है जिसे जानना लोगों के लिए आवश्यक है। भले ही इस फिल्म ने कुछ जगहों पर निराश किया लेकिन यह फिल्म सरकारी सिस्टम पर एक जोरदार तमाचा है।
क्या देखनी चाहिए यह फिल्म?
यामी गौतम की अ थर्सडे कहीं ना कहीं अ वेडनेसडे से मिलती जुलती है। इन दोनों फिल्मों में सामाजिक मुद्दों को उठाया गया है। नीरज पांडे की फिल्म अ वेडनेसडे कल्ट क्लासिक फिल्मों में गिनी जाती है, उसके सामने अ थर्सडे दमदार साबित नहीं हुई। लेकिन यामी गौतम की फिल्म भी देखने लायक है। परिवार के साथ यह फिल्म जरूर देखना चाहिए क्योंकि इसमें बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात की गई है।