- अर्चना पूरन सिंह ने आर्थिक मंदी और फीस कटौती पर की बात
- अर्चना ने कहा- इस समय हर कोई घाटे में कर रहा है काम
- एक्ट्रेस ने कहा- इंडस्ट्री में बने रहना है तो फीस में निगोसिएशन करना होगा
मशहूर टीवी एक्ट्रेस और पिछले कुछ समय से कॉमेडी शो द कपिल शर्मा शो की जज अर्चना पूरन सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और उनके 8 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। कपिल के शो में दर्शक उन्हें काफी पसंद करते हैं।
अर्चना पूरन सिंह ने हाल ही में एनबीटी से बात की और इस दौरान उन्होंने दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के चलते जो मंदी आई है उसके एक्टर्स के काम और सैलरी पर क्या असर पड़ा, इसके बारे में बात की। अर्चना ने कहा कि समय की मांग के चलते उन्हें फीस कम ज्यादा करनी पड़ती है।
अर्चना ने भी घटाई है फीस
अर्चना ने बताया कि वो अपनी फीस घटा चुकी हैं। एक्ट्रेस ने कहा, 'जब भी आप कोई कॉन्ट्रेक्ट साइन करते हैं तो बारगेन (बोल भाव) करने के बाद ही एग्रीमेंट होता है। यह केवल लॉकडाउन की बात नहीं है पहले भी हम कलाकार की फीस में कटौती करते रहे हैं। समय की मांग के मुताबिक हम आर्टिस्ट भी अपनी फीस घटाते रहते हैं।' अर्चना ने कहा कि इस समय हर कोई घाटे में काम कर रहा है तो आप कैसे ज्यादा फीस चार्ज कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि आर्टिस्ट्स को प्रोड्यूसर व चैनल्स को ऐसे समय में कम फीस में भी सपोर्ट करना चाहिए, जिन्होंने अच्छे समय में उन्हें अच्छा पैसा दिया था।
टिके रहने के लिए करना होगा निगोसिएशन
अर्चना ने कहा कि अगर इंडस्ट्री में बने रहना है तो हमें रियलिस्टिक फीस ही काम करना होगा। अर्चना ने कहा, 'ऐसे हालात में हमसे फीस घटाने के लिए कहा जाएगा, तो हमे रियलिस्टिक फीस बतानी चाहिए ताकि काम देने वाले को आपका अपने काम में टिके रहना सही लगे। अगर हम अपनी फीस नहीं घटाते हैं तो मुमकिन है कि उन्हें 4 लोगों को काम से हटाना पड़े। अगर आप सैलरी कम करते हैं और सब इस कटौती के लिए तैयार हैं तो कोई बिना काम के नहीं रहेगा और किसी को घर पर नहीं बैठना पड़ेगा। मैं भी हर तरह की कटौती के लिए तैयार हूं।'
साल 2011 में भी हुई थी कटौती
सैलरी कटौती के बारे में बात करते हुए अर्चना ने बताया कि साल 2011 में देश में आर्थिक मंदी थी, उस समय भी शो के निर्माताओं से बात हुई थी और मेरी सैलरी में से कटौती हुई थी। उस समय प्रोड्यूसर ने हमेशा मिलने सैलरी ना दे पाने की विवशता दिखाई थी जिसके बाद मुझे तो फीस घटानी पड़ी थी।