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मुख्य बातें
- टीवी एक्टर शशांक व्यास आज जाना पहचाना नाम बन चुके हैं।
- शशांक का पहला टीवी शो बालिका वधू था इसमें उन्होंने जगिया का लीड रोल निभाया था।
- शशांक के एक्टर बनने की जर्नी इतनी आसान नहीं थी।
बालिका वधू, जाना ना दिल से दूर और रूप: मर्द का नया स्वरूप जैसे टीवी शोज में काम कर चुके एक्टर शशांक व्यास आज जाना पहचाना नाम बन चुके हैं। लेकिन शशांक के एक्टर बनने की जर्नी इतनी आसान नहीं थी। शशांक व्यास का पहला टीवी शो बालिका वधू था इसमें उन्होंने जगिया का लीड रोल निभाया था। वैसे इस शानदार डेब्यू तक पहुंचने के लिए उन्होंने 285 ऑडिशन दिए थे। हालांकि शशांक को इसका कोई पछतावा नहीं है।
अभिनेता शशांक व्यास ने खुद ही खुलासा किया है कि उन्हें 285 ऑडिशन देने के बाद इस टीवी शो का ऑफर मिला था और फिर इसके बाद उन्होंने कभी पलटकर नहीं देखा।
शशांक व्यास बताते हैं, 'मुझे पता है कि मैंने वास्तव में बहुत मेहनत की है। मैंने लगभग 285 ऑडिशन दिए और कुछ ऐसे सिद्धांत हैं जो मैंने कभी नहीं बदले हैं और ना बदलूंगा। मुझे विश्वास है कि मैं जहां चाहूं वहां पहुंच जाऊंगा और मैंने अपने काम के लिए सब त्याग किया है। अपनी अंतिम सांस तक मैं अपना सौ प्रतिशत दूंगा। मेरे काम की पूरी ईमानदारी मेरी सफलता को निर्धारित करती है।'
शशांक व्यास कहते हैं, 'कास्टिंग डायरेक्टर एकमात्र व्यक्ति है जो सोचता कि आप कैसी भूमिका निभाएंगे। एक अभिनेता की जिम्मेदारी बनती है कि वह अलग-अलग विधाओं को आजमाए और एक ही चरित्र को निभाना सही नहीं है। एक अभिनेता को बहुमुखी होना चाहिए। मुझे बहुत गर्व है कि तीनों शो (बालिका वधू, रूप - मर्द का नया स्वरूप और जाना ना दिल से) में, मैंने अलग-अलग भूमिकाए निभाईं।'
शशांक व्यास शुरुआत में पैसे कमाने के लिए इंडस्ट्री में आए थे लेकिन अब वो सिर्फ अपने टैलेंट पर फोकस हैं। शशांक का मानना है कि अगर कोई अपनी कला के लिए ईमानदार और परिपूर्ण हैं तो प्रसिद्धि-पैसा उसके पास अपने आप आता है।