- नोएडा में 'दादी की रसोई' नाम से ढाबा चलाते हैं अनूप खन्ना
- अनूप केबीसी 12 के कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में नजर आएंगे
KBC 12 dadi ki rasoi owner anoop khanna : नोएडा में 'दादी की रसोई' नाम से ढाबा चला पांच रुपये खाना खिलाने वाले अनूप खन्ना केबीसी 12 के कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में नजर आएंगे। गरीबों को महज 5 रुपये में खाने की थाली मुहैया कराने वाले अनूप खन्ना की सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा होती है। दिल्ली-एनसीआर में उनके कामों की चर्चा अक्सर होती रहती हैं। मीडिया में भी उनके इस काम को काफी सराहा जा चुका है। अनूप की कहानी सुनकर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी काफी प्रभावित हुए। अनूप मानते हैं कि पांच रुपये में वह गरीबों को उनके स्वाभिमान के साथ भोजन कराते हैं।
अनूप खन्ना ने कहा कि वह केबीसी में जीती हुई अपनी सारी रकम गरीबों को दान कर देंगे। 'दादी की रसोई' नाम की ये दुकान उत्तर प्रदेश में नोएडा के सेक्टर-29 स्थित गंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में है। जहां हर दिन देसी घी के तड़के से दोपहर 12 से 2 बजे तक सैकड़ों लोगों की भीड़ रहती है। अनूप सिर्फ दादी की रसोई ही नहीं चला रहे हैं, बल्कि देश के किसी भी हिस्से में आयी प्राकृतिक आपदाओं में वह मदद करते हैं।
अगस्त 2015 में अनूप को ये विचार आया और उन्होंने अपने जन्मदिन पर 21 अगस्त को अपनी मां सरोजनी खन्ना और कुछ लोगों के सहयोग से इसकी शुरुआत कर की थी। मां के नाम से ही उन्होंने दादी की रसोई का नाम रखा। शुरुआत में 10 से 12 लोग उनके पास खाना खाने आते थे और अब रोजाना 500 से ज्यादा लोग यहां भोजन करते हैं। अनूप कहते हैं कि वह चाहते थे कि जरूरतमंदों को यह खाना फ्री में दिया जाए लेकिन पांच रुपये लेने के पीछे मकसद ये कि खाने वाले का स्वाभिमान बना रहे कि उसने खरीदकर खाया है।
यहां रोज खाने में चावल और अचार के साथ अलग-अलग तरह की पौष्टिक सब्जियां और दालें बनती हैं। त्योहारों पर पूड़ी, हलवा, मिठाई और आइसक्रीम भी परोसी जाती है। नोएडा में दादी की रसोई का मॉडल की चर्चा राष्ट्रपति भवन तक पहुंची थी। रसोई चलाने वाले अनूप खन्ना को राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया था। सितंबर 2019 में अनूप की मां का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
गरीबों को 10 रुपये में कपड़े
दादी की रसोई से 10 रुपये में गरीबों को कपड़े भी दिए जाते हैं। इतना ही नहीं यहां प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खोलकर मरीजों को सस्ती दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। अनूप खाना, स्वास्थ्य और कपड़ों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। गरीब से लेकर कामकाजी लोग भी उनके यहां खाना खाने आते हैं।