- अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती अच्छे वक्त से नहीं गुजर रहे हैं
- प्रवीण ने महाभारत में भीम का किरदार निभाया था।
- अब प्रवीण ने 76 साल की उम्र में सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
सीरियल महाभारत का एक-एक किरदार आज भी हमारे जहन में बसा हुआ है। पिछले 30 सालों से सीरियल के कलाकार लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। अब खबर सामने आ रही है कि महाभारत में भीम का किरदार निभाने वाले अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती अच्छे वक्त से नहीं गुजर रहे हैं। अपने दमदार किरदार से दुनिया में परचम लहराने और खेल के मैदान में भी कामयाबी हासिल करने वाले प्रवीण ने 76 साल की उम्र में सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
दरअसल प्रवीण कुमार की माली हालत बहुत खराब बताई जा रही है जिसके चलते उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की अपील की है। अभिनेता ने पंजाब में सरकार बनाने वाली सभी पार्टियों से अपनी शिकायत जाहिर की है। प्रवीण सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी हैं और वे अकेले ऐसे एथलीट हैं, जिन्होंने कॉमनवेल्थ में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उनका कहना है कि जितने भी खिलाड़ी एशियन गेम्स खेलते हैं या मेडल जीतते हैं, उन्हें पेंशन दी जाती है। हालांकि इस अधिकार से उनको वंचित रखा गया।
अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती का कहना है, 'मैं 76 साल का हो गया हूं। काफी समय से घर में ही हूं। तबीयत ठीक नहीं रहती है। स्पाइनल प्रॉब्लम के कारण खाने में भी कई तरह के परहेज हैं। घर में पत्नी वीना देखभाल करती है और एक बेटी की मुंबई में शादी हो चुकी है। उस दौर में भीम को सब जानते थे, लेकिन अब सब भूल गए हैं।'
प्रवीण कुमार सोबती के स्कूल में हेडमास्टर ने उनकी फिटनेस देखते हुए उन्हें खेल की ओर बढ़ाया था, जिसके बाद वह प्रतियोगिताएं जीतने लगे। इसके बाद साल 1966 की कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए डिस्कस थ्रो के लिए नाम आ गया। जमैका के किंगस्टन में हुए इस गेम में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। बाद में प्रवीण ने बैंकॉक में हुए साल 1966 और 1970 के एशियन गेम्स में दोनों बार गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया।
56.76 मीटर दूरी पर चक्का फेंकने में उनका एशियन गेम्स का रिकॉर्ड रहा है। इसके बाद अगली एशियन गेम्स 1974 में ईरान के तेहरान में हुईं, यहां सिल्वर मेडल मिला। हालांकि बाद में प्रवीण कुमार सोबती को पीठ में दर्द की शिकायत हो गई और उनको गेम्स से दूरी बनानी पड़ी।