- दूरदर्शन पर उस दौर में रामायण का प्रसारण कराना इतना आसान नहीं था।
- सीरियल के निर्माता रामानंद सागर को इसे ऑनएयर कराने में पूरी एड़ी-चोटी का दम लगाना पड़ा था।
- दूरदर्शन ने कई रिजेक्शन के बाद टीवी शो रामायण को टेलिकास्ट किया था।
रामायण टीवी जगत का वो शो है जिसने रातों-रात सफलता के झंडे गाड़ दिए। हालांकि दूरदर्शन पर उस दौर में रामायण का प्रसारण कराना इतना आसान नहीं था। सीरियल के निर्माता रामानंद सागर को इसे ऑनएयर कराने में पूरी एड़ी-चोटी का दम लगाना पड़ा था। जी हां, करीब 2 साल की मेहनत और लगन के बाद दूरदर्शन ने कहीं जाकर टीवी शो रामायण को टेलिकास्ट किया था।
रामानंद सागर को इस शो के लिए दूरदर्शन और सूचना प्रसारण मंत्रालय के खूब चक्कर लगाने पड़े। एक वक्त ऐसा भी आया जब वो बिल्कुल हार मान गए थे। दरअसल रामायण के प्रसारण की अनुमति को 1985 में ही मिल गई थी लेकिन सभी पहले धार्मिक शो को लेकर कई चीजें तय नहीं कर पा रहे थे। रामायण शो का रामानंद सागर ने जब पहला पायलट एपिसोड बनाकर दिया तो इसे रिजेक्ट कर दिया गया। फिर दूसरे पायलट एपिसोड में स्टारकास्ट के आउटफिट को लेकर काफी सवाल उठाए गए। क्योंकि रामायण सीधा आमजन की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ शो था।
पायलट एपिसोड में आई आपत्तियों में बदलाव कराए गए। फिर जब खूब कड़ी मेहनत और काफी ज्यादा पैसे खर्च कर तीसरा पायलट एपिसोड भेजा गया तो इसे भी रिजेक्ट कर दिया गया। इस रिजेक्शन के बाद रामानंद सागर बुरी तरह से टूट गए। हालांकि कई मुलाकातों और परिवर्तनों के बाद जनवरी 1987 में जाकर रामायण टीवी पर टेलिकास्ट हो सका। रामायण ने ऑन एयर होते ही धूम मचा दी और लोकप्रियता के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।
रामायण की पॉपुलैरिटी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस शो के केवल 52 एपिसोड थे जिन्हें तीन बार बढ़ाकर 78 एपिसोड तक किया गया। शो की शूटिंग 550 दिनों तक चली थी। बताया जाता है कि इसके हर एपिसोड से दूरदर्शन को 40 लाख रुपये की कमाई होती थी। रामायण के एक्टर अरुण गोविल ने राम का और एक्ट्रेस दीपिका चिखालिया ने सीता का रोल निभाया था, जिसे बहुत पसंद किया गया था। साथ ही सुनील लहरी लक्ष्मण के रोल में, दारा सिंह भक्त हनुमान के रोल में, अरविंद त्रिवेदी रावण के रोल में नजर आई थीं।