- भारत का पहला सुपरहीरो शक्तिमान वापसी कर रहा है।
- शक्तिमान 16 साल बाद फिल्म के जरिए वापसी करेगा।
- शक्तिमान एक वक्त अफवाह के कारण बंद होने वाला था।
Shaktimaan Facts: भारत का पहला सुपरहीरो शो शक्तिमान (Shaktimaan Film) 16 साल बाद वापसी कर रहा है। शक्तिमान यानी मुकेश खन्ना ने अपने यूट्यूब चैनल पर बताया कि शक्तिमान सीरियल नहीं बल्कि फिल्म के जरिए वापसी करने जा रहा है। शक्तिमान सीरियल साल 1997 में दूरदर्शन पर ऑन एयर हुआ था, जो बच्चों के बीच काफी पॉपुलर हुआ था। हालांकि, एक वक्त शक्तिमान को बंद करवाने के लिए अफवाह तक फैलाई गई थी। तब अरुण जेटली ने मुकेश खन्ना की मदद की थी।
साल 2019 में अरुण जेटली के निधन पर मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna) ने अपने यूट्यूब चैनल पर ये किस्सा सुनाया था। मुकेश खन्ना ने बताया था कि कुछ अखबारों में ये खबर छपी थी कि बिहार के बेगूसराय में बच्चे ने खुद पर आग लगा ली थी और कहा था कि शक्तिमान उसे बचाने आएगा। इसके बाद ऐसी कई खबरें आने लगी। मुकेश खन्ना ने सच्चाई का पता लगाने के लिए डिटेक्टिव एजेंसी का सहारा लिया था। एक्टर कहते हैं, 'मुझे शक हुआ कि शक्तिमान' सीरियल की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, राज्यसभा तक भी ये मामला पहुंचा तो शक्तिमान पर बैन लगाने की मांग की गई। '
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अरुण जेटली ने की मदद
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं कि एक न्यूज चैनल ने दावे की तहकीकात की तो पता चला कि बेगूसराय की खबर झूठी थी। इसके बाद उन्होंने यूएनआई और दूरदर्शन पर पांच करोड़ रुपए का मानहानी का केस किया था। ये केस हाईकोर्ट में पूर्व कानून और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लड़ा था। मुकेश खन्ना के मुताबिक यूएनआई ने मान लिया कि उनसे गलती हुई है। हालांकि, दूरदर्शन के वकील की दलील से केस छह महीने तक चला था। वकील ने कुछ चिट्ठियां कोर्ट के सामने पेश की थी, जिसमें लिखा था कि शक्तिमान सीरियल के कारण बच्चे गिर रहे हैं और मर रहे। इसे चलाने का क्या औचित्य है?'
अरुण जेटली ने दिया ये आइडिया
मुकेश खन्ना वीडियो में बताते हैं कि, 'अरुण जेटली ने मुझसे कहा कि मुकेश तुम्हारे पास कोई लेटर हैं। मैंने कहा मेरे पास सपोर्ट के लाखों लेटर हैं। उन्होंने कहा कि क्या तुम बोरे में भरकर यहां ला सकते हो। मैंने वो लेटर मुंबई से मंगाए और जेटली जी ने वह बोरे कोर्ट में रख दिए।'
बकौल एक्टर, 'जज ने पूछा कि ये क्या है तो अरुण जेटली जी ने कहा कि कुछ लेटर पेश किए गए थे तो लगा कि हमें भी कुछ लेटर पेश करने चाहिए। वहीं, जिस दिन हमारे पक्ष में फैसला आया उस दिन जेटली जी कोर्ट में नहीं थे। शाम को वह राष्ट्रपति भवन में मिले तो मुझे पता चला उन्हें कानून मंत्री बनाया गया है।'