- सिद्धार्थ के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है उनकी मां का बुरा हाल है।
- जवान बेटे को खोने के गम में रीता शुक्ला पूरी तरह से टूट चुकी हैं।
- सिद्धार्थ शुक्ला मां को बेस्ट फ्रेंड मानते थे। देखें मां-बेटे की 7अनसीन फोटोज।
सिद्धार्थ शुक्ला की मौत फैमिली, फैन्स और फ्रेंड्स के लिए बहुत बड़ा सदमा है। बिग बॉस-13 के विनर रहे सिद्धार्थ शुक्ला के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है उनकी मां रीता शुक्ला का बुरा हाल है। जवान बेटे को खोने के गम में रीता शुक्ला पूरी तरह से टूट चुकी हैं। बेटे सिद्धार्थ शुक्ला के अंतिम संस्कार में मां रीता का बुरा हाल था। क्योंकि सिद्धार्थ उनके तीनों बच्चों में सबसे छोटे थे और मां के सबसे लाड़ले थे। इसकी एक झलक बिग बॉस के घर में देखने को मिली थी जब बेटे को इतने दिनों के बाद सामने देखने पर रीता शुक्ला बहुत इमोशनल हो गई थीं।
सिद्धार्थ शुक्ला अक्सर अपने इंटरव्यू में मां रीता शुक्ला के बारे में बात करते थे। सिद्धार्थ ने बताया था, 'लोग मुझे एक बाहरी तौर पर रूड व्यक्ति के रूप में जानते हैं। लेकिन मैं हमेशा अपनी मां के लिए पिघलता हूं। जब से मैं पैदा हुआ, वह मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति रही है। मैं 3 बच्चों में सबसे छोटा था और अपनी बहनों के साथ खेलने के लिए बहुत छोटा था, इसलिए मैं हमेशा मां के आसपास रहता था। जब मैं एक बच्चा था, तो मैं रोता था उनके बिना एक सेकंड नहीं रहता था। इसलिए रोटियां बनाते समय भी, वह मुझे एक हाथ से पकड़ती थीं और दूसरे हाथ से अपना काम करती थीं।'
सिद्धार्थ शुक्ला ने इसी इंटरव्यू में खुलासा किया था कि बचपन के बाद भी उनकी मां हमेशा उनकी सबसे अच्छी दोस्त रहीं। अभिनेता ने कहा था, 'जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया, वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त बन गई! हर बार जब मैं खेलकर घर वापस आता, तो हम सब कुछ बातें उनको बताता था जबकि अन्य बच्चे अपने माता-पिता से बातें छिपाते थे।'
'मैं उनको अपने बारे में सब कुछ बताना चाहता था! उन्होंने मेरी बहुत अच्छी परवरिश की और बहुत कुछ सिखाया है। मैं एक शरारती बच्चा था जो मुसीबत से दूर हो जाता था। लेकिन जब मां ने मुझे हमेशा ईमानदार रहने के लिए कहा, तो मैंने अपनी गलतियों को सुधारा।'
सिद्धार्थ के पिता के निधन पर उनकी मां ने बहुत त्याग किया। इस बारे में सिद्धार्थ ने बताया था, 'जब 15 साल पहले पिताजी का निधन हो गया, तो ऐसा लगा कि हमारे ऊपर से एक बड़ा साया हटा लिया गया है। लेकिन मेरी मां हमारी चट्टान थी- वो कभी भी कमजोर नहीं पड़ीं। उन्होंने हमारी परवरिश से लेकर पूरे खर्चों तक, घर चलाया, 3 बच्चों की देखभाल की और हमारी सभी मांगों को पूरा किया! मुझे पता है कि हमें जो चाहिए था वो देने के लिए मां को बहुत त्याग करना पड़ा होगा।'