- रामायण में भगवान शिव के किरदार के लिए विजय कविश को चुना गया था।
- एक्टर विजय कविश को शिवजी के रोल के लिए खूब वाहवाही मिली थी।
- भगवान शिव के अलावा विजय ने रामायण में मंदोदरी के पिता का रोल भी निभाया था।
सावन का महीना शुरू हो गया है और भगवान शिव के भक्तों इसे पूरे हर्ष-उल्लास के साथ इसे सेलिब्रेट कर रहे हैं। बात अगर फेमस टीवी शो रामायण की करें तो इसमें भगवान शिव के किरदार के लिए विजय कविश को चुना गया था। विजय कविश वो शानदार अभिनेता रहे जिन्होंने शो के जरिए अमिट छाप छोड़ी। एक्टर विजय कविश को शिवजी के रोल के लिए खूब वाहवाही मिली थी। रामानंद सागर की रामायण में जब भगवान राम युद्ध के लिए जाते हैं तो पहले रामसेतु का निर्माण करते थे। तभी वो शिवलिंग की भी स्थापना करते है। इसी दौरान रामायण में भगवान शिवशंकर बने विजय कविश की एंट्री होती है।
कम ही लोग ये बात जानते हैं कि विजय कविश ने जब भगवान शिव का रोल निभाया था तो उन्होंने गले में असली सांप डाला था। विजय कविश ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि जिस सांप को वो गले में डालकर घूमते थे वो असली था। उसके दांत निकाल दिए गए थे बाद में इसी सांप को गले में डालकर विजय कविश शूटिंग करते थे। इतना ही नहीं शूट के बाद भी विजय सांप को गले में डालकर घूमते रहते थे।
रामायण के बाद लव कुश का भी हिस्सा रहे विजय कविश
भगवान शिव के अलावा विजय कविश टीवी शो रामायण में मंदोदरी के पिता का रोल भी निभाया था। इसके अलावा रामायण दूसरे भाग 'उत्तर रामायण' यानी 'लव कुश' में भी वो दिखे थे। विजय ने तब महज 22 साल की उम्र में महर्षि वाल्मीकि का रोल निभाया था। तीनों एकदम अलग-अलग किरदार थे, लेकिन विजय कविश ने इतने परफेक्शन से निभाया कि कोई कह ही नहीं सका कि एक ही शो में तीनों किरदार निभाने वाला शख्स एक ही है।
अब ये काम करते हैं विजय कविश
विजय कविश अब एक्टिंग से दूर हैं। वो इन दिनों एडिटिंग और डायरेक्शन का काम करते हैं। कभी कभी अभिनेता विजय कविश थिएटर प्ले भी जज करने का भी काम करते हैं। उनका इंस्टाग्राम अकाउंट ऐसी ही एक्टिविटी की गवाही देता है। आपको बता दें कि विजय कविश ने दूरदर्शन के सीरियल 'इधर उधर' से करियर की शुरुआत की थी। बाद में वो 'रामायण', 'विक्रम बेताल' और 'श्रीकृष्णा' में भी नजर आए। विक्रम बेताल में विजय कविश ने एकसाथ करीब 10 रोल किए थे। कविश ने 'अरमान', 'फूल' और 'सलमा' जैसी बॉलीवुड फिल्में भी की हैं। उनके पिता संवाद लेखक थे।