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Durga Puja 2022: शिप्रा सनसिटी की यह दुर्गा पूजा होगी बेहद खास, दिखेगा आजादी का महत्व और आदिवासी छऊ नृत्य

Durga Puja 2022
Updated Sep 24, 2022 | 19:55 IST

Durga Puja 2022: शिप्रा सनसिटी की फेमस दुर्गा पूजा इस बार बेहद खास होने जा रही है। यहां पर इस बार पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के आदिवासियों के मुखौटे पर आधारित पंडाल बनाया जा रहा। इस खास पंडाल में आने वाले भक्‍तों को मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ राम दरबार भी देखने को मिलेगा। इसके अलावा यहां पर लोगों को देश की एकता और अखंडता के लिए भी जागरूक किया जाएगा।

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Durga Puja 2022Durga Puja 2022
तस्वीर साभार:&nbspFacebook
शिप्रा सनसिटी में पिछले साल स्‍थापित माता का दरबार
मुख्य बातें
  • पुरुलिया जिले के आदिवासियों के मुखौटे पर आधारित है पंडाल
  • पंडाल में दिखेगा मां के नौ स्‍वरूपों के साथ राम दरबार और बहुत कुछ
  • पुरुलिया आदिवासी समुदाय के लोग यहां प्रस्‍तुत करेंगे अपना ‘छऊ नृत्य’

Durga Puja 2022: इंदिरापुरम की शिप्रा सनसिटी की फेमस दुर्गा पूजा इस बार बेहद खास होने जा रही है। इस बार यहां पर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के आदिवासियों के मुखौटे पर आधारित पंडाल बनाया जा रहा है। इस खास पंडाल में आने वाले भक्‍तों को मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ राम दरबार भी देखने को मिलेगा। यहां पर पुरुलिया आदिवासी समुदाय के लोग 9 दिनों तक अपने छऊ नृत्य को प्रस्तुत करेंगे। 

इस दुर्गा पूजा की एक बड़ी खासियत यह भी होगी कि यहां पर लोगों को आजादी की झलक भी देखने को मिलेगी। बता दें शिप्रा सनसिटी के सेंट्रल पार्क में हर साल बोंगोतोरु की तरफ दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है। यहां की दुर्गापूजा अपनी भव्‍यता के कारण पूरे दिल्‍ली-एनसीआर में प्रसिद्ध है। इस बार बोंगोतोरु की तरफ से दुर्गा पूजा के पंडाल को पुरुलिया के आदिवासियों के मुखौटे पर आधारित बनाया गया है। 

आदिवासी कलाकार छऊ नृत्य के द्वारा सामाजिक संदेश देंगे

बोंगोतोरु के अध्यक्ष शुभेंदू मजुमदार ने इस आदिवासी समुदाय के बारे में बताया कि इनका इतिहास बेहद दर्दनाक है। पुरुलिया में रहने वाले इस आदिवासी समुदाय के लोगों की जमीन करीब 300 साल पहले जमीदारों ने हड़प ली थी। जिसके बाद आदिवासियों ने मुखौटा पहनकर नृत्य व नाटक के द्वारा अपने दर्द और विरोध को बयां करना शुरू किया। मुखौटा पहनकर किए जाने वाले इस नृत्य को छऊ नृत्य कहा जाता है। यहां पर पुरुलिया के 17 आदिवासी कलाकार छऊ नृत्य के द्वारा सामाजिक संदेश देंगे।

नव दुर्गा व राम दरबार की दिखेगी झलक

बोंगोतोरु समिति के अनुसार यहां पर मां दुर्गा के नव स्वरूपों की प्रतिमा के साथ में प्रभु श्रीराम का दरबार,   मां लक्ष्मी, सरस्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय भी रहेंगे। इन सभी मूर्तियां को बंगाल की मिट्टी मंगाकर बंगाल के कलाकारों ने बनाया है। इसके अलावा यहां पर लोगों को देश की एकता और अखंडता के लिए भी जागरूक किया जाएगा। इसके लिए यहां पर मां भारती को बेड़ियां तोड़कर ऊपर उठते हुए दिखाया जाएगा। इसके पीछे भारत का मानचित्र भी होगा।