नई दिल्ली: सावन का महीना कई खुशियों को एक साथ ले कर आता है। सावन लगते ही जैसे वातावरण में खुशियों की सुगंध फैल जाती है। लड़कियां झूला झूलते हुए गीत गाती रहती हैं लड़के अलग-अलग प्रकार के खेलों में व्यस्त रहते हैं। चारो तरफ हरियाली रहती है बारिश की खुशी में मोर भी नाचने लगते हैं। माताएं घरों में पकवान बनाती हैं जिनमें सबसे खास होता है कोथली हरियाणा में जिसे कोथली कहा जाता है हिंदी बेल्ट में उसे गुलगुला कहते हैं।
आंटे से बना यह मीठा व्यंजन बच्चों को खूब पसंद आता है। इस गाने ‘कोथली’ में भी यही सब विस्तार से और खूबसूरती से दिखाया गया है। इस गाने में यह भी दिखाया गया है कि कैसे हम अपनी पुरानी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं और यह सब कहीं खोता जा रहा है। क्या हमें यह सब फिर से वापस लाने के बारे में नही सोचना चाहिए?