पुजारियों ने भोर में मंगल आरती का आयोजन किया। शंखनाद की ध्वनि, झांझ और ढोलक की थाप के साथ मंदिरों से देवताओं को रथ पर बिठाकर यात्रा की शुरुआत की गई।
तीनों देवताओं को तीन पारंपरिक तौर पर बने लकड़ी के रथ - नंदीघोसा (जगन्नाथ के लिए), तलाध्वजा (बलभद्र के लिए) और देवदलन (सुभद्रा के लिए) पर बिठा कर ले जाया गया।
रथों को पुरी के गुंडिचा मंदिर तक खींचा जाएगा, जो मुख्य जगन्नाथ मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
पुरी के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर बलवंत सिंह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी सहयोग कर रहे हैं। मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि वे घर पर रहें और त्योहार का सीधा प्रसारण देखें।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।