सब जग होरी, ब्रज में होरा। यह कहावत ऐसे ही नहीं कही गई है। ब्रज के मंदिरों में फाग महोत्सव 40 दिनों तक चलता है। ब्रज की होली दुनियाभर में मशहूर है।
ब्रज की पवित्रता, सात्विकता, वैष्णव भाव और भक्ति को लेकर पूरी दुनिया अभिभूत है। यहां की भक्ति की शक्ति का अनुभव पूरी दुनिया को होता है।
भगवान कृष्ण की जन्म और कर्मभूमि रहे इस पूरे क्षेत्र में फाल्गुन महीने के छटा देखते ही बनती है। देश-दुनिया से लोग फाग महोत्सव में शामिल होने मथुरा पहुंचते हैं और यहां से वृंदावन और बरसाना जाते हैं।
बरसाना में आयोजित पारम्परिक 'लड्डू होली' के कुछ मनोरम दृश्य। इस बार 20 लाख से ज्यादा लोगों के होली महोत्सव में पहुंचने का अनुमान है। कई देशों के लोग भी इस आयोजन में शामिल हो रहे हैं।
होली महोत्सव ब्रज में शुरू हो चुका है। मंदिरों में ठाकुरजी को ढप की थाप के साथ ही होली के गीत, रसिया सुनाए जा रहे हैं।
बरसाने में 4 मार्च को और नंदगांव में 5 मार्च को लठमार होली खेली गई, वहीं 6 मार्च को वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में रंगभरनी एकादशी पर फूलों की होली खेली गई।
7 मार्च को गोकुल की छड़ीमार होली का आयोजन किया जाएगा। यहां भगवान कृष्ण के बालस्वरूप को ज्यादा महत्व दिया जाता है।
8 मार्च यानी चतुर्दशी से 3 दिन तक रंग वाली होली खेली जाती है। 10 मार्च तक यहां खूब रंग होली खेली जाएगी।
यूपी सरकार और यूपी पर्यटन ने इस आयोजन की भव्यता और महत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाने के लिए पूरी तैयारी की।
तीन मार्च को बरसाना में 'रंगोत्सव 2020' कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।
ब्रज के बरसाना में 'रंगोत्सव2020' के अवसर पर अबीर-गुलाल से खेली जा रही होली की अद्भुत झलकियाँ।