- ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक अनोखा मामला सामने आया है
- बैंक अधिकारी के साथ 1.50 लाख रुपये की ठगी
- क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर भारी रिटर्न का वादा किया
Mumbai Crime News: मुंबई में ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक बैंक अधिकारी के साथ 1.50 लाख रुपये की ठगी हुई है। शातिर ठग ने पहले अधिकारी से इंस्टाग्राम पर दोस्ती की, फिर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर भारी रिटर्न का वादा किया था। पीड़ित का नाम राज कुधले (25) है। वह बीती 6 अगस्त को अपने एक कॉलेज के दोस्त की कहानी के बहकावे में आ गया, जिसने कहा था कि उसने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके तत्काल लाभ कमाया है।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित कुधले को इंस्टाग्राम पर नताशा नाम की एक महिला का मैसेज आया। जिसमें महिला ने उसे प्ले स्टोर से 'बिनेंस' ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा। कुधले ने जैसे ही ऐप को डाउनलोड किया तो उसे ऐप के माध्यम से 50,000 रुपये के बिटकॉइन खरीदने के लिए कहा गया।
इस तरह दिया पीड़ित को झांसा
पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए आगे कहा कि उसने यह सब 7 अगस्त को किया था और नताशा के निर्देशों के अनुसार, बिटकॉइन को वेबसाइट swiftlytrade24.com पर ट्रांसफर कर दिया था। फिर 11 अगस्त को कुधले के पास एक ट्रेडर ने स्क्रीनशॉट भेजा, जिसमें दावा किया गया था कि उसने ट्रेडिंग से 8 लाख रुपये कमाए हैं। जब ट्रेडर ने कुधले ने पूछा कि इस राशि को उसके बैंक खाते में कैसे ट्रांसफर किया जाए, तो ठग ने पीड़ित से अपने खाते में 75,000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा। जब कुधले ने कहा कि उसके पास इतना पैसा नहीं है, तो ठग ने उस समय जो भी राशि उसके पास थी, भेजने के लिए कहा।
पीड़ित के दोस्त का इंस्टाग्राम अकाउंट भी निकला हैक
कुधले ने यूपीआई के जरिए 25,000 रुपये का भुगतान किया, लेकिन पीड़ित की 'कमाई' उनके खाते में क्रेडिट नहीं की गई। इसके बाद उसने अपने दोस्त को फोन किया और पूछा कि क्या उसे वास्तव में बिटकॉइन में निवेश करने से लाभ हुआ है, लेकिन जब उसके दोस्त ने बताया कि बीते कुछ वक्त से उसका इंस्टाग्राम अकाउंट हैक था तो वह चौंक गया। इसके बाद कुधले को पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है। इस बारे में पीड़ित ने अपने दूसरे दोस्त से पूछा, जिसने उसके जैसी क्रिप्टोकरेंसी की स्टोरी बताई। इसके बाद कुधले ने ठग को मैसेज कर अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्होंने देने से मना कर दिया। इसके बाद कुधले ने भायखला पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) और 420 (धोखाधड़ी) और आईटी अधिनियम 2000 के तहत एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया।