- कल्याण-डोंबिवली नगर निगम ने चयनित स्थानों पर लगाए हैं सेंसर
- सेंसर से मिली जानकारी के बाद वहां के नागरिकों की मदद में होगी आसानी
- सेंसर पानी के स्तर के आधार पर अलर्ट भेजेंगे
Capital Mumbai News: पिछले कई दिनों से मानसून का इंतजार कर रहे मुंबईवासियों का इंतजार अब खत्म हो गया है। इसके साथ ही लोगों को मानसून के साथ—साथ बाढ़ का डर भी सताने लगा है। मुंबई, कल्याण और डोंबिवली महानगर पालिका ने मानसून के अपने पिछले अनुभव को ध्यान में रखते हुए इस बार पहले से ही तैयारियां कर ली हैं। कल्याण-डोंबिवली नगर निगम ने शहर के कुछ स्थानों पर बाढ़ सेंसर स्थापित करके सराहनीय कदम उठाए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है कि इस साल उठाए गए कदम से नगर निकाय को मदद मिलेगी जिससे सेंसर कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजेंगे। सेंसर मिलने पर संबंधित टीमों द्वारा क्षेत्र में नागरिकों की मदद के लिए जरूरी कार्य किए जाएंगे। नगर निगम ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। सेंसर युक्त होने से बाढ़ संबंधी तैयारी करने के लिए समय मिल जाएगा।
ऐसे काम करेगा सेंसर
केडीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि साल 2019 और 2021 में हमने जुड़वां शहरों के विभिन्न हिस्सों में बड़ी बाढ़ देखी। इसने एक चेतावनी प्रणाली को सक्रिय करना अनिवार्य बना दिया। ये सेंसर तुरंत काम करेंगे और समय रहते अलर्ट कर देंगे। पहले वार्ड स्तर के अधिकारी ऐसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखते थे और निवासियों को सूचना देते थे। अब ये सेंसर पानी के स्तर के आधार पर बाढ़ से पहले ही काम करेंगे और फिर अलर्ट भेजे देंगे।'सेंसर नदी के जल स्तर की जांच अनवरत करते रहेंगे। जैसे-जैसे जल स्तर बढ़ता रहेगा, स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम को नियमित रूप से अलर्ट भेजता रहेगा। स्मार्ट डिस्प्ले बोर्ड पर जल स्तर की जानकारी भी प्रदर्शित होगी। लाउडस्पीकर घोषणाओं के माध्यम से लोगों तक सूचना प्रसारित की जाएगी।
नगर निगम बाढ़ से निपटने को तैयार
जानकारी के लिए बता दें कि बाढ़ ने केडीएमसी में कई क्षेत्रों में नागरिकों को प्रभावित किया है और अधिकारियों को सुयोग नगर, शास्त्री नगर चॉल, वरप, शाहद, कम्बा और म्हरल गांवों, कम्बा गांव आदि में बचाव अभियान चलाना पड़ा था। अधिकारियों को संकट का प्रबंधन करने के लिए तत्काल निर्णय लेना पड़ा और यह माना जा रहा है कि ऐसे संकट में सेंसर मददगार साबित होंगे। हाल ही में केडीएमसी, एमएसईडीसीएल, एमआईडीसी और अन्य निकायों के कई विभागों के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें बाढ़ प्रमुख मुद्दा रही।