- अनिल देशमुख के खिलाफ ED ने लुक आउट नोटिस जारी किया है
- देश भर के एयरपोर्ट को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है
- उनकी जल्दी गिरफ्तारी भी हो सकती है ऐसा मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लुक आउट नोटिस (Lookout Notice) जारी किया है इससे अब वे देश छोड़ कर नहीं जा सकेंगे उनकी जल्दी गिरफ्तारी भी हो सकती है ऐसा मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है, वे देश छोड़ कर ना जा सकें, इसलिए ईडी ने अब उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है।
बताते हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल देशमुख को अब तक पांच बार समन भिजवाया है लेकिन अनिल देशमुख एक बार भी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए हैं। देश भर के एयरपोर्ट को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है, ताकि अनिल देशमुख देश छोड़ कर जाना चाहें तो उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोका जा सके।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में देशमुख के खिलाफ जांच शुरू की
गौर हो कि अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ की वसूली के लिए पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था सीबीआई इस केस की जांच कर ही रही थी कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल देशमुख के खिलाफ जांच शुरू की।
देशमुख और उनके परिवार से संबद्ध 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी
इससे पहले जुलाई में मुंबई मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके परिवार से संबद्ध 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी मामले की जांच कर रही ईडी ने पूछताछ को लेकर कई समन अनिल देशमुख को भेजे थे, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए।
अनिल देशमुख पर करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने इस संबंध में शिकायत की थी, जिसके बाद सीबीआई और ईडी ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज किया था।
अनिल देशमुख पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है
ईडी इस मामले में अनिल देशमुख के निजी सचिव और निजी सहायक को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद अनिल देशमुख पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। इससे पहले सीबीआई ने आंतरिक जांच रिपोर्ट लीक होने के मामले में अपने अफसर को गिरफ्तार किया था।