- मुंबई में इमारत गिरी, 19 लोगों की मौत
- महाराष्ट्र के पर्यावरण एवं पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने घटनास्थल का दौरा किया
- इमारत को खतरनाक घोषित करते हुए मई 2016 में बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए गए थे
मुंबई के कुर्ला में सोमवार आधी रात चार मंजिला एक इमारत के ढहने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य जख्मी हुए हैं। इस इमारत को पहले जर्जर घोषित किया गया था लेकिन बाद में मरम्मत योग्य घोषित किया गया। बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, 1973 में बनी इमारत के निवासियों ने मरम्मत कराने का बीड़ा उठाया था, लेकिन जाहिर तौर पर कोई मरम्मत नहीं हो पाई। दमकल, पुलिस, नगर निकाय के अधिकारियों के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दो दलों ने भी बचाव अभियान चलाया।
एनडीआरएफ के उप कमांडेंट आशीष कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बचाव अभियान शाम करीब साढ़े छह बजे समाप्त हो गया, लेकिन मलबा हटाने का काम अभी भी जारी है। सोमवार आधी रात से अब तक कुल 33 लोगों को मलबे से निकाला गया है। बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि घायलों में से चार का अब भी अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जबकि अन्य को छुट्टी दे दी गई है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपए की अनुग्रह सहायता की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जनहानि पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
शिवसेना विधायक संजय पोटनिस ने कहा कि 2016 में इमारत को C1 श्रेणी के तहत सूचीबद्ध किया गया था। बाद में एक ऑडिट के बाद इसे C2 के तहत पुनर्वर्गीकृत किया गया। C2 पुनर्वर्गीकरण के बाद इसकी मरम्मत की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हालांकि, मुझे नहीं लगता कि बीएमसी की ओर से कोई लापरवाही हुई है।
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है। शिवसेना के बागी विधायक मंगेश कुडलकर ने ट्वीट कर अपनी संवेदना व्यक्त की और घोषणा की कि मुंबई दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे।