- उत्तर भारत के कई राज्यों में आतंक मचा चुका है टिड्डी दल
- महाराष्ट्र के भंडारा में भी टिड्डियों ने पहुंचाया फसलों को नुकसान
- मुंबई में टिड्डी दल के देखे जाने की कई खबरे व्हाट्स ऐप पर वायरल
मुंबई: उत्तर भारत के राजस्थान, हरियाणा और यूपी में आतंक मचाने वाली टिड्डी इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं। पहले पाकिस्तान में कहर बरपाने के बाद अब यह भारत में लोगों और किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। टिड्डियों के संभावित खतरे को देखते हुए मुंबई भी सतर्क हो गई हैं। दरअसल कुछ ऐसी खबरें आ रही थीं कि शहर के कुछ हिस्सों में टिड्डी देखी गई हैं जिसके बाद मुंबई एयर ट्रैफिक कंट्रोल को अलर्ट कर दिया गया है। हालाकि फिलहाल विमान सेवाओं के प्रभावित होने की कोई खबर नहीं है।
तैयार हैं ट्रैफिक कंट्रोलर
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मुंबई एयर ट्रैफिक कंट्रोल के महाप्रबंधक राजीव मेहता ने बताया, 'फिलहाल हमें अपने क्षेत्र में टिड्डियों का ऐसा कोई भी समूह नहीं मिला है। हमने अपने नियंत्रकों को इन टिड्डियों के दल पर नजर रखने के लिए सतर्क कर दिया है। यदि कोई बात सामने आती है तो हम सावधानी बरतेंगे।'
मुंबई में आने की पुष्ट खबरें नहीं
मुंबई में टिड्डियों के देखे जाने के बारे में व्हाट्सएप पर वायरल हो रही अपुष्ट तस्वीरों और क्लिपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, मेहता ने बताया 'यह टिड्डियों का एक छोटा समूह हो सकता है जो मुंबई में प्रवेश कर चुका है। अगर ये हवाई जहाज के उतरते समय विमान मार्ग में आते हैं, तो वे इंजनों पर प्रभाव डालने के लिए बहुत छोटे होते हैं, उनका आकार पक्षियों की तुलना में काफी छोटा होता है। यदि यह बड़ा झुंड नहीं है, तो विमान सेवाओं पर इसके असर की संभावना नहीं है।'
भंडारा में कर चुके हैं नुकसान
वहीं पीटीआई की खबर के मुताबिक महाराष्ट्र के भंडारा जिले में फसलों को नष्ट करने के बाद टिड्डियों का झुंज अब पड़ोसी गोदिंया की तरफ बढ़ रहा है। संभावित हमले को देखते हुए कृषि विभाग चौकन्ना हो गया है। गोंदिया में क्षेत्रीय तंत्र को कीटों के हमले के बारे में सतर्क कर दिया गया है। भंडारा के एक गांव में कीटों से प्रभावित फसलों और पेड़ों पर कीटनाशक का छिड़काव किया गया था।
समय से पहले हुआ है टिड्डियों का प्रवेश
आपको बता दें कि आमतौर पर, टिड्डी दल पाकिस्तान के रास्ते से भारत के अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र में जून / जुलाई के महीने में मानसून के आगमन के साथ ग्रीष्मकालीन प्रजनन के लिए प्रवेश करते हैं। इस वर्ष हालांकि इन हॉपर और गुलाबी रंग की टिड्डियों का प्रवेश समय से काफी पहले हो गया है, जिसकी वजह पाकिस्तान में पिछले सीजन में टिड्डियों की अवशिष्ट आबादी की उपस्थिति बताई गई हैं, जिन्हें वह नियंत्रित नहीं कर सका था।